1221
Shares
गोरखपुर
चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू संक्रमण और वन्यजीवों की मौत के कारणों को जानने के बाद केंद्रीय प्राधिकरण चिड़ियाघर दिल्ली की टीम कानपुर रवाना हो गई। इसके पूर्व मंगलवार को टीम ने चिड़ियाघर के वन्यजीवों के स्वास्थ्य की जांच की। वहीं शाम को शासन की तरफ से गठित तीन सदस्यीय टीम चिड़ियाघर पहुंच गई है। ये टीम दो दिन तक रहकर अध्ययन करेगी और भविष्य में पुनरावृत्ति न हो इसकी रिपोर्ट तैयार करेगी।
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में बाघिन शक्ति, भेड़िया भैरवी की मौत में बर्ड फ्लू संक्रमण की पुष्टि के बाद से ही चिड़ियाघर दर्शकों के लिए बंद है। चार वन्यजीवों की मौत और बर्ड फ्लू संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) ने टीम बनाई थी।
इसमें डिपार्टमेंट आफ एनिमल हसबेंडरी, दिल्ली के ज्वाइंट डायरेक्टर डा. विजय कुमार तेवतिया, राष्ट्रीय उच्च पशु संस्थान, भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. मनोज कुमार, आइवीआरआइ, बरेली से वाइल्डलाइफ हेड डा. एम पावड़े और सीनियर पैथोलाजिस्ट डा. एम करिकलन दो दिनों तक बाड़ों का निरीक्षण किए। बब्बर शेर भरत सहित 50 से अधिक वन्यजीवों का नमूना जुटाए। इसके अलावा तालाब, वन्यजीवों के पीने वाले पानी, नहाने वाले पानी का भी नमूना लिया।
मंगलवार को सभी नमूनों को जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च पशु संस्थान, भोपाल व आइवीआरआइ बरेली भेज दिया गया। इसके बाद यह टीम कानपुर चिड़ियाघर के लिए निकल गई। वहां भी बर्ड फ्लू संक्रमण की जांच करेगी।
इनके जाते ही हेड वाइल्ड लाइफ डिविजन डब्लूआइआइ के हेड डा. पराग निगम, सेवानिवृत्त डा. पीके मलिक और पीसीसीएफ उत्तराखंड से सेवानिवृत्त दिग्विजय खाती प्राणी उद्यान पहुंचे। आने के साथ ही टीम ने वन्यजीवों की हुई मौत की रिपोर्ट मांगी। साथ ही समस्या और खामियों के बारे में पूछताछ की।
ये टीम दो दिनों तक यहां रहकर अध्ययन करेगी कि जो भी मौते हुई है वह क्यों हुई है। दोबारा इस तरह की समस्या चिड़ियाघर में न हो, इसकी रिपोर्ट तैयार करेगी और शासन को सौपेगी। इसके बाद आवश्यकता अनुसार शासन की तरफ से रिपोर्ट पर कार्रवाई की जाएगी।