जब वह काफी देर तक नहीं दिखा तो लोगों ने संदेह के आधार पर गड्ढ़े में खोजबीन की। वहां उसका शव मिला। इसके बाद इनरदेव बिंद का बेटा सिट्टू भी घर से गायब पाया गया और तलाशी के दौरान उसका शव भी उसी गड्ढ़े से बरामद हुआ। एक साथ दो बच्चों की मौत से गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि रेलवे स्टेशन के नए प्लेटफॉर्म के भराव के लिए स्टेशन और नयका बस्ती के बीच एक बड़ा गड्ढ़ा खोदा गया था, लेकिन ठेकेदार ने काम पूरा होने के बाद इसे भरा नहीं और न ही कोई सुरक्षात्मक उपाय किए, जिसके कारण यह दुखद घटना हुई।
बताया गया कि करीब छह माह से गड्ढ़ा कर छोड़ा गया था। दोनों मृत बच्चों के परिवार वाले अत्यंत गरीब हैं और खेतों में मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं। घटना के समय उनके माता-पिता भी नदी किनारे खेतों में काम करने गए थे।
स्थानीय समाजसेवी मुकेश यादव ने कहा कि पीड़ितों पक्ष को सरकार से हर संभव सहायता दिलाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना रेलवे प्लेटफॉर्म निर्माण में लगी एजेंसी की घोर लापरवाही का परिणाम है, जिसके लिए कानूनी सलाह लेकर मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।