Monday, June 23, 2025
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स्थायी प्राचार्यों के पोस्टिंग की गाइडलाइन से बढ़ी विश्वविद्यालय की दुविधा, कहां फंसा है पेच?

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मुजफ्फरपुर
 स्थायी प्राचार्यों के पदस्थापन संबधी राजभवन की नई गाइडलाइन ने विश्वविद्यालय के सामने नई कठिनाई उत्पन्न कर दी है। इससे कई ऐसे सवाल उत्पन्न हो गए हैं, जिसका जवाब फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन को अब तक नहीं मिल सका है। विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार इसपर मंथन कर रहा है।
एक ही कॉलेज में पांच वर्ष या उससे अधिक की अवधि पूरी कर चुके प्राचार्यों का स्थानांतरण किस रूप में किया जाए इसको लेकर लगातार दुविधा की स्थिति बनी है। साथ ही दूरदराज के क्षेत्र वाले कॉलेजों को स्थायी प्राचार्यों का पदस्थापन कैसे किया जाए। इन तमाम बिंदुओं पर विश्वविद्यालय फिलहाल दुविधा की स्थिति में है। विश्वविद्यालय व कालेजों में कई मुद्दों पर चर्चा छिड़ी है।
नई गाइडलाइन के अनुसार, प्राचार्यों को अनुमंडल का चयन करना है। इसी आधार पर लॉटरी सिस्टम से उनका पदस्थापन होना है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिन कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य पहले से पदस्थापित हैं उन कॉलेजों का क्या होगा। क्या उन्हें भी लॉटरी सिस्टम के तहत डाला जाएगा? उनलोगों का अगर ट्रांसफर किया जाएगा तो आधार क्या होगा?
इसके अलावा, सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की ओर से अनुशंसित 23 प्राचार्यों का पदस्थापन में अगर किसी ने दूरदराज क्षेत्र वाले अनुमंडल के कॉलेज का विकल्प नहीं चुना तो क्या होगा? ऐसे में दूरदराज के कालेजों को स्थायी प्राचार्य कैसे मिल पाएगा।
इसी तरह वैसे महाविद्यालय जो रिमोट एरिया में हैं और वहां सीनियर शिक्षक नहीं हैं। आयोग से अनुशंसित प्राचार्य उसे प्राथमिकता में नहीं चुनते तो उन कालेजों का क्या होगा। इन कुछ सवालों का हल निकालने में विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार लगा है।

राजभवन से क्या गाइडलाइन जारी हुई?

उल्लेखनीय है कि राजभवन की ओर से प्रदेश के अंगीभूत कॉलेजों में बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग से चयनित प्राचार्यों के पदस्थापन के लिए गाइडलाइन जारी की गई था। इसके तहत प्राचार्यों का पदस्थापन लॉटरी सिस्टम से होना है। इसके लिए सभी कॉलेजों की अनुमंडलवार अंग्रेजी के वर्णक्रम में सूची तैयार होगी।

इसके बाद अनुशंसित प्राचार्यों के नाम की अलग-अलग पर्ची तैयार की जाएगी। सभी प्राचार्यों से विकल्प की मांग की जाएगी। यह विकल्प महाविद्यालय का नहीं होकर अनुमंडल का होगा। प्राचार्य के नाम की पर्ची एक बॉक्स में रखी जाएगी। किसी कार्यालय परिचारी या समकक्ष पद पर कार्यरत कर्मी डिब्बे से एक पर्ची निकलवाई जाएगी।

उस पर्ची में अंकित नाम वाले प्राचार्य को अंग्रेजी वर्णक्रम में तैयार कॉलेज की सूची के प्रथम महाविद्यालय का आवंटन किया जाएगा। इसी तरह सभी पर्ची कार्यालय परिचारी से ही निकलवाते हुए प्राचार्यों को कॉलेज आवंटित किया जाना है।

 

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