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ग्रेटर नोएडा
मेरठ विजिलेंस की टीम ने नोएडा स्थित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग के एक अधिकारी को 45 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। आरोपित के खिलाफ नॉलेज पार्क थाना में मामला दर्ज कराया है।
एसपी विजिलेंस इंदु सिद्धार्थ के मुताबिक शिकायतकर्ता मैसर्स रामाटेक के नाम से सलारपुर गांव में फर्म है, जिसमें कंप्यूटर रिपेयरिंग का काम किया जाता है। फर्म का पंजीकरण शिकायतकर्ता ने वर्ष 2016 में कराया था।
आरोप है कि 29 अप्रैल को शिकायतकर्ता के मोबाइल पर दोपहर करीब 12.28 बजे फोन आया। फोन पर अपना नाम भूदेव बताते हुए शिकायतकर्ता से वर्ष 2016-17 व 2017-18 का असेसमेंट नहीं कराने की बात कही।
दोनों वर्षों के असेसमेंट की फीस कुल 455840 रुपये बकाया बता, ऑफिस में मिलने के लिए बुलाया। शिकायतकर्ता नौ मई को सेक्टर 148 स्थित जीएसटी कार्यालय पहुंचा और भूदेव से मिला। भूदेव ने बताया कि फर्म पर 455840 रुपये का बकाया है जिसे जमा करा दो, वरना कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ेंगे।
भूदेव ने प्रशासनिक अधिकारी सतेंद्र बहादुर सिंह से मिलवाने की बात कही। 13 मई को शिकायतकर्ता सतेंद्र बहादुर सिंह से मिला। आरोप है कि सतेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि या तो पूरा बकाया जमा कर दो या फिर 50 हजार रुपये दे दो। शिकायतकर्ता ने जब कहा कि उसके पास 50 हजार रुपये नहीं हैं, तो सतेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि 45 हजार रुपये से कम में काम नहीं करेंगे।
अधिकारी द्वारा लगाता दबाव बनाया जा रहा था। जीएसटी कार्यालय द्वारा शिकायतकर्ता के बैंक आफ बड़ौदा के खाते को फ्रिज करा दिया गया, जिससे उसका व्यापारिक लेन-देन रुक गया। शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत मेरठ विजिलेंस टीम से की।
टीम ने सोमवार को सतेंद्र बहादुर सिंह पैसे लेते हुए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। नॉलेज पार्क कोतवाली में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराने की कार्रवाई की जा रही है।