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नई दिल्ली। जनगणना के साथ देश में पहली बार होने जा रही जातिवार गणना को लेकर सरकार ने तैयारी तेज की है। माना जा रहा है कि यह सितंबर से शुरू हो जाएगी।
जातियों से जुड़ी जानकारी जुटाई जा रही
इस बीच सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के साथ मिलकर इसके लिए नियम-कायदों की तैयारी शुरू हो गई है। जिसमें एससी व एसटी के साथ ही ओबीसी के आरक्षण से जुड़े नियमों और उनमें शामिल जातियों से जुड़ी जानकारी जुटाई जा रही है।
जातिवार गणना का मुद्दा बेहद ही संवेदनशील
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक जातिवार गणना का मुद्दा बेहद ही संवेदनशील है, इसलिए सरकार इसे लेकर पूरी सतर्क है। इससे लिए वह एक दिशा-निर्देश भी तैयार करने की तैयारी में है, ताकि गणना से जुड़े अमले को इसे जुटाने में किसी स्तर पर कोई दिक्कत न हो।
सूत्रों के मुताबिक इस दौरान उन जातियों पर ज्यादा फोकस किया गया है जिन्हें लेकर पहले से कुछ विवाद चल रहे है। जैसे नाई, दर्जी जैसी जातियां है। यह दोनों ही जातियां मौजूदा समय में हिंदू और मुस्लिम दोनों में पाई जाती है। लेकिन मौजूदा आरक्षण की सूची में सिर्फ नाई या दर्जी ही दर्ज है।
ऐसे में इनकी पहचान करने में काफी मुश्किल देखने को मिलती है। देश में मौजूदा समय में अकेले ओबीसी की केंद्रीय सूची में ही ओबीसी की करीब 26 सौ जातियां है।
सरकार ने हाल ही में जातिवार गणना करने का ऐलान किया था
सूत्रों के मुताबिक जुलाई तक इससे जुड़े नियमों को तैयार करने की समय-सीमा निर्धारित की गई है। ऐसे में इसे लेकर इन दिनों गृह मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के बीच बैठकों का क्रम जारी है। गौरतलब है कि सरकार ने हाल ही में जातिवार गणना करने का ऐलान किया था। यह गणना पहले से प्रस्तावित जनगणना के साथ ही होगी।