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गोरखपुर
प्राणि उद्यान में वन्यजीवों की मौत के बाद केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण दिल्ली की टीम रविवार को आएगी। इसमें इंडियन वेटनेरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आइवीआरआइ), बरेली और राष्ट्रीय उच्च पशु संस्थान, भोपाल के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। यहां पहुंचने के बाद टीम अधिकारियों से पूछताछ करेगी और वन्यजीवों का नमूना संग्रहित करेगी। वहीं शनिवार को बरेली से आई रिपोर्ट में वन्यजीवों को दिए जाने वाले गोश्त में कोई संक्रमण नहीं मिला है।
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में पिछले डेढ़ माह में चार वन्यजीवों की मौत हो चुकी है। इसमें बाघ केसरी, बाघिन शक्ति, भेड़िया भैरवी और तेंदुआ मोना शामिल है। शक्ति, भैरवी और मोना की मौत मई में हुई है। शक्ति और भैरवी का विसरा जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च पशु संस्थान, भोपाल भेजा गया था।
दोनों के रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। इसके बाद से ही चिड़ियाघर को 20 मई तक के लिए बंद कर दिया गया है। सभी बाड़ों को सैनिटाइज किया जा रहा है। इस प्रदेश के चिड़ियाघरों से चिकित्सकों की टीम यहां आकर लौट चुकी है। अब केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए), दिल्ली द्वारा गठित चिकित्सकों की टीम आ रही है।
इसमें डिपार्टमेंट आफ एनिमल हसबेंड्री, दिल्ली के ज्वाइंट डायरेक्टर डा. विजय कुमार तेवतिया, राष्ट्रीय उच्च पशु संस्थान, भोपाल से वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. मनोज कुमार, आइवीआरआइ, बरेली से वाइल्डलाइफ हेड डा. एम पावड़े और सीनियर पैथोलाजिस्ट डा. एम करिकलन शामिल हैं।
यह टीम रविवार को चिड़ियाघर पहुंचेगी। 19 और 20 मई को प्राणि उद्यान में वन्यजीवों की मौत के घटनाक्रम को जानेगी। चिड़ियाघर के उपनिदेशक डा. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि बर्ड फ्लू संक्रमण को देखते हुए वन्यजीवों को दिए जाने वाले गोश्त का नमूना आइवीआरआइ बरेली भेजा गया था। रिपोर्ट निगेटिव आई है।