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गोरखपुर
मिलावटखोर अधिक मुनाफे के लिए नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम जब सक्रिय होती है तो खोवा व पनीर छोड़कर मिलावटखोर भाग जाते हैं। खोवा-पनीर के नमूने बार-बार फेल हो रहे हैं।
मिठाइयों में मिलावट के मामले सबसे ज्यादा पाए जा रहे हैं। एक साल में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने लगभग 550 नमूने लिए और 450 मुकदमे दर्ज कराए। अब विभाग मिलावटखोरों की हिस्ट्री सीट खोलने की तैयारी कर रहा है। ताकि ये हमेशा विभाग की नजर में रहें।
खाद्य सुरक्षा विभाग मिलावटखोरों के खिलाफ सघन अभियान चला रहा है। लगभग रोज किसी ने किसी फैक्ट्री, दुकान पर छापा पड़ रहा है। नमूने लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। मिठाई, खोवा, पनीर, सूजी, मैदा, बेसन, घी, मसाला, तेल, नमकीन, कुट्टू के आटे आदि में मिलावट की पुष्टि हो चुकी है।
चायपत्ती व काली मिर्च में भी मिलावट के मामले सामने आए हैं। फलों को पकाने में रसायन का प्रयोग किया जा रहा है। इसका सीधा असर जन स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। अवैध ढंग से मानकविहीन पानी की फैक्ट्री संचालित हो रही है।
आइसक्रीम में सैक्रीन की मिलावट की विभाग ने आशंका जाहिर की है। इनके नमूने लिए जा रहे हैं। अंतरजनपदीय टीमें भी आकर यहां छापा मार रही हैं। पिछले दिनों पादरी बाजार में एक पनीर की दुकान पर अंतरजनपदीय टीम ने ही छापा मारा था।
अवैध ढंग से नशीली दवा का कारोबार करने वाला जेल गया
हाल में आई दिल्ली क्राइम ब्रांच व नारकोटिक्स विभाग की टीम ने शहर से एक ऐसे दवा व्यापारी को गिरफ्तार किया जो काफी समय से अवैध ढंग से नशीली दवाओं का कारोबार कर रहा था। उसकी कोई दुकान नहीं थी, उसके पास केवल लाइसेंस था।
ड्रग विभाग को झांसा देकर उसने भालोटिया मार्केट में दूसरे की दुकान पर लाइसेंस बनवा लिया था। पूरा कारोबार हवा में हो रहा था। उसकी भेजी नशीली दवाएं जब दिल्ली में पकड़ी गईं तो इस व्यापारी की पोल खुली। अब व्यापारी जेल में है।