2.8kViews
1000
Shares
कानपुर
गोरखपुर से शहर के चिड़ियाघर लाए गए शेर पटौदी की मौत हो गई है। उसने खाना छोड़ दिया था,बहुत कम मात्रा में पानी पी रहा था। शेर को ड्रिप से दवाई चढ़ाई जा रही थी। शेर के खून के नमूने राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल भेजे गए है।
रिपोर्ट आने के बाद पुष्टि हो सकेगी की शेर को बर्डफ्लू था अथवा नहीं। शेर की मौत के बाद चिड़ियाघर में सतर्कता बढ़ दी गई है। पूरे परिसर को सेनीटाइज किया जा रहा है। जानवरों की व्यवहार पर नजर रखी जा रही है, नियमित जांच की जा रही है।
गोरखपुर के चिड़ियाघर में बीमार शेर पटौदी को कानपुर चिडियाघर में इलाज के लिए रविवार को कानपुर भेजा गया था। उसके लीवर में संक्रमण था। गोरखपुर में उसका इलाज बरेली स्थित इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम कर रही थी। उसकी हालात में सुधार नहीं हो रहा था।
प्रदेश के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)डा. अरुण कुमार सक्सेना के निर्देश पर उसे कानपुर चिड़ियाघर में इलाज के लिए भेजने का निर्णय लिया गया। पटौदी लगभग 15 वर्ष का है। शेर की औसत आयु भी इतनी होती है। पटौदी काफी कमजोर था।
वहीं गोरखपुर चिड़ियाघर में बाघिन शक्ति की मौत के बाद राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल से आई उसकी विसरा जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि शेर को भी बर्डफ्लू हो सकता है।