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नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हमलों में तुर्किए के दो मिलिट्री ऑपरेटिव्स भी मारे गए हैं। बताते हैं कि तुर्किए ने भारत के विरुद्ध संघर्ष में न सिर्फ 350 से अधिक ड्रोन देकर पाकिस्तान की मदद की, बल्कि उसके आपरेटर्स भी पाकिस्तानी सेना की सहायता कर रहे थे।
पाकिस्तान ने वाईआइएचए ड्रोन का इस्तेमाल किया
सूत्रों ने बताया, ‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए के सलाहकारों ने भारत में समन्वित ड्रोन हमलों में पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की मदद की।’
रक्षा सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के विरुद्ध बेरक्तार टीबी2 और वाईआइएचए ड्रोन का इस्तेमाल किया।
माना जाता है कि इन ड्रोन का उपयोग लक्ष्यों की पहचान करने और संभवत: आत्मघाती हमलों के लिए किया गया, खासकर भारत के अग्रिम मोर्चों या आपूर्ति काफिलों को निशाना बनाने के लिए। पिछले कई वर्षों में पाकिस्तान ने तुर्किए के साथ नजदीकी सैन्य रिश्ते विकसित कर लिए हैं।
तुर्किए सरकार ने पाकिस्तानी सेना को प्रशिक्षण भी प्रदान किया
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के वर्षों में पाकिस्तान और तुर्किए के बीच गठजोड़ चौंकाने वाली गति से मजबूत हुआ है। तुर्किए सरकार ने न सिर्फ महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों की आपूर्ति की है, बल्कि पाकिस्तानी सेना को प्रशिक्षण भी प्रदान किया है।
ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है
बताते हैं कि पाकिस्तानी सेना ने सात-आठ मई की रात में भारत की उत्तरी एवं पश्चिमी सीमाओं से लगते सैन्य ढांचे पर 300 से 400 ड्रोन से निशाना बनाने का प्रयास किया था। एक प्रेस कान्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया था, ‘ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है। शुरुआती रिपोर्ट बताती है कि ये तुर्किए के असिसगार्ड सोंगर ड्रोन हैं।’