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नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान सीजफायर के बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया। पहलगाम हमले से लेकर सीजफायर से जुड़ी कई जानकारी पीएम मोदी ने देश को दी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी ने पहली बार देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले अपने भाषण में सेनाओं की वीरता और पराक्रम को सलाम किया।
पीएम मोदी ने कहा, हमने ऑपरेशन सिंदूर के लक्ष्यों को पूरा किया है। भारत के ड्रोन और मिसाइल हमले पाकिस्तान की कल्पना से परे थे। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे हैरान और घबराए पाकिस्तान ने हस्तक्षेप की मांग करते हुए दुनिया भर में कई फोन कॉल किए और अंत में डीजीएमओ स्तर की वार्ता शुरू करके युद्ध विराम की मांग की।
ग्लोबल आतंक की यूनिवर्सिटी- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने आगे अपने संबोधन में बहावलपुर और मुरीदके के आतंकी अड्डों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया, बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानें एक तरह से ग्लोबल आतंक की यूनिवर्सिटी रहे हैं। दुनिया में कहीं पर भी जो बड़े आतंकी हमले हुए, चाहे 9/11 हो, चाहे लंदन ट्यूब बॉम्बिंग, या फिर भारत में बड़े आतंकी हमले हों, उन सबके तार इन्हीं आतंकी ठिकानों से जुड़े हुए है।
इसलिए भारत ने आतंक के इन हेडक्वार्टर्स को ही तबाह कर दिया। इन हमलों में 100 से ज्यादा खूंखार आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया है।
‘हमने उनके सीने पर हमला किया’
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा,
‘पाकिस्तान ने भारत की सीमा पर हमला करने की योजना बनाई थी, लेकिन हमने उनके सीने पर हमला किया।’ 9/11 हमला अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुआ जब अल-कायदा के आतंकियों ने चार विमानों को हाईजैक कर हमला किया। इन सब हमलों के तार पाकिस्तान से जुड़े हुए थे। सारे आतंकी पाकिस्तान के ही थे । अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन को इसी पाकिस्तान के ऐबटाबाद में अमेरिका ने मार गिराया था।
हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के रूप में, भारत ने एक प्रतिबंधित आतंकवादी के नेतृत्व में एक राजकीय अंतिम संस्कार में भाग लेने वाले पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के फोटोग्राफिक सबूत और वीडियो फुटेज प्रदान किए हैं।
‘आतंकवादियों का सफाया, पाक सेना हिल गई’
पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत द्वारा किए गए इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकवादी मारे गए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जब भारत की मिसाइलों और ड्रोन ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, तो न केवल इन आतंकवादी संगठनों की इमारतें और सुविधाएं नष्ट हो गईं, बल्कि उनका साहस भी बुरी तरह से हिल गया।’