बाल आश्रम में कनिका गौतम बच्चों को गोद देने का कार्य देखती हैं। इसके अलावा घरौंदा बाल आश्रम में अंजू 2018 ने बच्चों की देखभाल में मदद कर रही हैं। वह सुबह नाश्ता कराने के बाद बच्चों को तैयार कर स्कूल भेजती हैं।

पति का हुआ निधन तो अकेले संभाली जिम्मेदारी

गोविंदपुरम में रहने वाली सरोज मिश्रा के पति का 2021 में कोविड काल में निधन हुआ तो घर की आर्थिक स्थिति डगमगा गई। सरोज का कहना है कि वह तो गृहणी थीं कभी बाहर काम नहीं किया। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई और घर के खर्चा चलाना काफी मुश्किल हो गया।

उन्होंने स्वयं की जिम्मेदारी उठाने की ठानी और पति का प्रेस का काम सीखा। उस समय उनकी 21 वर्षीय बड़ी बेटी बीटेक सेकेंड ईयर में थी और बेटे ने भी बीटेक में ही दाखिला लिया था। तीन साल प्रेस का काम किया, लेकिन वह काम उतना नहीं चल सका।
इसके बाद उन्होंने टिफिन सर्विस का काम शुरू किया और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होने दी। फिलहाल उन्होंने एक कैफे की भी शुरुआत की है। बेटी बीटेक के बाद मुम्बई में नौकरी कर रही हैं और बेटे कैफे के संचालन में मदद कर रहे हैं।