आगरा। जिले के साढ़े 18 हजार पूर्व सैनिक और अधिकारी देश और जनहित में लोगों को हवाई हमले से बचाव का तरीका सिखाएंगे। सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय ने इसे आवश्यक बताया है। देशहित को सर्वोपरि रखने के लिए कहा है। प्रशिक्षण पार्क, सार्वजनिक स्थल, किसी स्कूल-कालेज या फिर मैदान में हो सकता है। मकान के छत में भी इसे करा सकते हैं।
हवाई हमले से बचाव में बच्चे किस तरीके से अहम रोल अदा कर सकते हैं। इस प्रशिक्षण में पूर्व सैनिक बताएंगे कि हवाई हमला से बचाव कैसे करना है। अगर अचानक सायरन बजता है तो घर या फिर दुकान की सभी लाइटें और पंखे बंद कर दें। स्ट्रीट लाइट को आफ कर दें। खिड़कियों में पर्दे डाल दें। अगर कहीं बम गिरता है तो खुले स्थल में पेट के बल लेट जाएं। प्राथमिक उपचार बाक्स तैयार रखें।
यह कदम उठाएं
- अचानक सायरन बजने पर सतर्क हो जाएं
- घर में प्राथमिक उपचार बाक्स जरूर रखें, उसमें हर तरीके की दवाएं जिनके उपयोग की जरूरत पड़ती है जरूर होनी चाहिए
- ड्राई फ्रूड्स सहित अन्य खाने की चीजें रख सकते हैं
- गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बीमार लोगों व बुजुर्गों की दवाएं अपने साथ रखें
- आपातकालीन नंबरों की एक सूची तैयार कर लें
- दरवाजे या दीवार में इन नंबरों को चस्पा कर सकते हैं
- जिले में साढ़े 18 हजार पूर्व सैनिक और अधिकारी हैं। हवाई हमला से बचाव सभी को अच्छी तरीके से आता है। देशहित में आगे आएं। जहां जिसे भी मौका मिलता है हवाई हमले से बचाव का प्रशिक्षण दें। आपका यह प्रयास जनहानि को रोकने में मदद कर सकता है। कैप्टन सुनील कुमार, अध्यक्ष जिला सैनिक कल्याण
भ्रामक वीडियो और बातें साझा करना अपराध, हो सकती कार्रवाई
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव, विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले और आपरेशन सिंदूर के बाद इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक खबरों का प्रसार तेजी से बढ़ा है। इसे रोकने के लिए साइबर क्राइम सेल ने भ्रामक खबरें फैलाने वालों पर कार्रवाई की बात कही है। जिला प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त रूप से स्कूलों, कालेजों और सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता शिविर आयोजित किए।
साइबर क्राइम सेल ने बताया इंटरनेट मीडिया पर बिना सत्यापन के वायरल मैसेज, जैसे युद्ध की अफवाहें या फर्जी वीडियो, साझा करना कानूनी अपराध है। सामाजिक संगठनों ने भी इस अभियान में सहयोग करने को कहा है। नागरिकों से अपील भी की है अफवाहों से बचें और शांति बनाए रखें।साइबर क्राइम सेल के एडीसीपी ने कही ये बात
साइबर क्राइम सेल के एडीसीपी आदित्य का कहना है कि भारत सरकार की ओर से जो आधिकारिक बयान दिए जा रहे हैं सिर्फ उन पर लोग भरोसा करें। जो भी शासन की ओर से जो निर्देश मिल रहे हैं उनका पालन करें। भ्रामक वीडियो या बात साझा करने पर नियमानुसार कार्रवाई हो सकती है।