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लखनऊ
हवाई हमलों से बचाव के लिए 54 वर्षों बाद बुधवार को नागरिकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पहले लखनऊ व प्रयागराज में मंगलवार को पुलिस लाइन के सभागार में इसका रिहर्सल किया गया।
गृह मंत्रालय ने प्रदेश में 17 सिविल डिफेंस वाले जिलों सहित लखनऊ के बक्शी का तालाब और सहारनपुर के सरसावा को मॉक ड्रिल के लिए चिह्नित किया है, लेकिन डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि बुधवार को पूरे प्रदेश में मॉक ड्रिल होगी।
गृह मंत्रालय की तरफ से मॉक ड्रिल के लिए जिन जिलों को चिह्नित किया गया है, उनमें ए श्रेणी में बुलंदशहर को शामिल किया गया है। यहां नरोरा में परमाणु ऊर्जा का संयंत्र हैं।
इसके अलावा, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, आगरा, गाजियाबाद, मथुरा, झांसी, सहारनपुर, गोरखपुर, कानपुर नगर, चंदौली, मेरठ व मुरादाबाद को बी श्रेणी के जिलों में शामिल किया गया है।
वहीं, बागपत व मुजफ्फरनगर को सी श्रेणी के जिलों के रूप में चिह्नित किया गया है। बक्शी का तालाब और सरसावा में वायु सेना के स्टेशन होने के कारण इन्हें अतिरिक्त रूप से शामिल किया गया है। हालांकि, गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार बक्शी का तालाब इलाके की मॉक ड्रिल को मीडिया कवर नहीं करेगी।
डीजी नागरिक सुरक्षा, अभय प्रसाद ने बताया कि बागपत व मुजफ्फरनगर को छोड़कर शेष जिलों में वर्ष 1962 में नागरिक सुरक्षा विभाग के कार्यालय खोले गए थे।
उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल को लेकर शाम चार बजे से गृह मंत्रालय को हर एक-एक घंटे पर रिपोर्ट भेजनी है। इस बारे में संबंधित जिलों के जिला प्रशासन को निर्देश भेजे जा चुके हैं।
वहीं, डीजीपी ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में जिला व पुलिस प्रशासन तथा डिजास्टर रिस्पांस फोर्स संयुक्त रूप से मॉक ड्रिल के जरिए नागरिकों को युद्ध के मद्देनजर बचाव का प्रशिक्षण देंगे।
ब्लैक आउट का समय भी जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित किया जाएगा। ब्लैक आउट से कुछ मिनट पहले सायरन बजाया जाएगा। इसे लेकर सभी बड़े प्रतिष्ठानों व शैक्षणिक संस्थानों को भी निर्देश भेजे जा चुके हैं।