क्या अंतरिक्ष में अंकुरित हो पाएंगे मूंग और मेथी के बीज?
इस मिशन की सबसे दिलचस्प प्रयोगों में से एक का नेतृत्व शुभांशु शुक्ला करेंगे। वे अंतरिक्ष में सलाद के बीज, खासकर हरी मूंग (green gram) और मेथी (fenugreek) को अंकुरित करने की कोशिश करेंगे।
वैज्ञानिक क्या जानने की कोशिश कर रहे हैं?
ISRO के माइक्रोग्रैविटी प्लेटफॉर्म और रिसर्च के प्रमुख तुषार फडनीस ने एक वर्चुअल प्रेस मीट में बताया कि ये बीज अंतरिक्ष में सिर्फ अंकुरित नहीं किए जाएंगे, बल्कि धरती पर वापस लाकर उनका गहराई से विश्लेषण किया जाएगा।
किन सवालों का जवाब तलाश रहे हैं वैज्ञानिक?
शुभांशु शुक्ला जिस एक्सपेरिमेंट को लीड कर रहे हैं, उसे लेकिन वैज्ञानिकों के मन में कई सवाल हैं। इसका जवाब इस मिशन के पूरा होने के बाद मिलेगा। दरअसल इस प्रयोग के जरिए यह जानकारी जुटाई जाएगी कि क्या बीज अंतरिक्ष में भी धरती की तरह अंकुरित हो सकते हैं? या फिर क्या अंतरिक्ष में मौजूद सूक्ष्म जीवाणु पौधों की ग्रोथ को प्रभावित करेंगे? क्या इनका पोषण मूल्य (nutritional value) वैसा ही रहेगा?
क्यों है यह प्रयोग इतना अहम?
इस प्रयोग का मकसद है यह समझना कि क्या अंतरिक्ष यात्री भविष्य में अपने ताज़ा खाने (fresh food) को खुद उगा सकते हैं। यह खासतौर पर उन मिशनों के लिए बेहद जरूरी है जो लंबे समय के लिए होते हैं, और जहां धरती से सप्लाई पहुंचाना मुमकिन नहीं होता।