खंडवा |
आगरा शहर में नर्मदा पेयजल परियोजना की पाइपलाइन की जर्जर हालत एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जिसका खामियाजा शहर के लाखों निवासियों को भुगतना पड़ रहा है। सोमवार की सुबह एक बार फिर यह पाइपलाइन खेड़ी ग्राम के पास फूट गई, जो कि इस पाइपलाइन के इतिहास में 300वीं से अधिक बार फूटना है। नगर निगम के अमले को इस घटना की सूचना सुबह 9 बजे मिली, जिसके बाद तत्काल टीम मौके पर पहुंची। टीम ने सबसे पहले पानी की सप्लाई को बंद कराया और सुबह 11 बजे से पाइपलाइन की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया। नगर निगम के जलकार्य विभाग से जुड़े अधिकारी राजेश गुप्ता के अनुसार, पाइपलाइन लगभग सुबह 8:30 बजे खेड़ी गांव के क्षेत्र में फूटी, और इसके फूटने का मुख्य कारण पाइपलाइन का अत्यधिक कमजोर होना है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन और नगर निगम की पूरी टीम लगातार पाइपलाइन की पेट्रोलिंग कर रही है, ताकि किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ या असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके, हालांकि अभी तक किसी भी किसान या असामाजिक तत्व द्वारा पाइप को जानबूझकर फोड़े जाने का कोई मामला सामने नहीं आया है। इस पाइपलाइन के फूटने के कारण शहर के कई इलाकों में पेयजल की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है। सोमवार को सुबह से ही शहर में पानी की सप्लाई होनी थी, लेकिन इस व्यवधान के कारण घासपुरा, प्रेमनगर, संजय नगर, जबरन कॉलोनी, आनंद नगर क्षेत्र, सिविल लाइन और वैकुंठ नगर सहित कई अन्य क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंच सका, जिससे इन इलाकों के निवासियों को दैनिक जरूरतों के लिए भी पानी की समस्या का सामना करना पड़ा। नगर निगम के अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि पाइपलाइन की मरम्मत का कार्य देर शाम तक पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद इन प्रभावित क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति फिर से शुरू हो सकेगी। नर्मदा पाइपलाइन की कमजोरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गर्मी के समय में जब पेयजल की मांग बढ़ जाती है, तो शहर में पर्याप्त पानी पहुंचाने के लिए 5 मोटर पंप चलाए जाते थे, ताकि पूरे शहर में उचित प्रेशर के साथ पानी की सप्लाई हो सके। लेकिन पाइपलाइन इतनी कमजोर है कि वह 5 पंपों का प्रेशर भी सहन नहीं कर पाई, जिसके चलते इस दौरान लगभग 8 बार पाइपलाइन फूटने की घटनाएं सामने आईं। इन बार-बार होने वाली घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने अंततः 5 पंपों की जगह केवल 4 पंपों से ही पानी की सप्लाई देने का निर्णय लिया, ताकि पाइपलाइन पर कम दबाव पड़े। हालांकि, मौजूदा स्थिति यह है कि यह कमजोर पाइपलाइन 4 पंपों का प्रेशर भी ठीक से नहीं झेल पा रही है, जिसके कारण आए दिन इसके फूटने की घटनाएं सामने आ रही हैं, और शहर की पेयजल आपूर्ति लगातार बाधित हो रही है, जिससे नागरिकों में भारी आक्रोश और निराशा व्याप्त है।