विदिशा | गार्डन चेयर, इन्वर्टर, वाटर कूलर, एलईडी खरीदी के फर्जी बिल लगाकर 3 अधिकारियों ने 61 लाख हड़पे
कृषि उपज मंडी गुलाबगंज में लाखों का घोटाला उजागर हाेने के बाद अब लटेरी मंडी में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां तीन अधिकारियों पर 61 लाख 11 हजार 393 रुपए की फर्जी खरीद का आरोप लगाते हुए खुद मंडी सचिव पूरनलाल राज ने लटेरी थाने में मार्च में एफआईआर दर्ज करवाई है। इसमें तत्कालीन मंडी सचिव ओमप्रकाश इमने, सहायक उप निरीक्षक शिवबहादुर सिंह और सहायक ग्रेड-03 विश्वनाथ धामडे के नाम शामिल हैं।
इन तीनों अधिकारियों ने अप्रैल 2023 में भोपाल स्थित मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अधीक्षण इंजीनियर और संयुक्त संचालक के फर्जी स्वीकृति पत्रों के आधार पर लाखों की सामग्री की खरीद दिखाने का प्रयास किया। इस गड़बड़ी में गार्डन चेयर और इन्वर्टर की खरीद पर 5 लाख 79 हजार 657 रुपए, वाटर कूलर और आरओ पर भी इतनी ही राशि, जबकि 9 सीसीटीवी कैमरे, एलईडी और डीवीआर की खरीद पर 20 लाख 80 हजार 419 रुपए खर्च दिखाए गए।
इसके अलावा, 20 केवीए जनरेटर की खरीद पर 28 लाख 71 हजार 660 रुपए का भुगतान किया गया है। इन सभी सामग्रियों के भुगतान के लिए भोपाल के जेएमडी इंटरप्राइजेस और देवांश कंप्यूटर एंड फोटोकॉपी हाउस से फर्जी बिल लगाए गए।
धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में प्रकरण दर्ज सचिव पूरनलाल ने बताया कि तत्कालीन सचिव ओमप्रकाश इमने ने जानबूझकर इस गड़बड़ी को छिपाने का प्रयास किया। उन्होंने अपने लोकसेवक पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। मामला गंभीर होने के कारण पुलिस अधीक्षक विदिशा से अनुमति लेकर थाना लटेरी में तीनों अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें धोखाधड़ी सहित कई धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
गुलाबगंज मंडी में हो चुकी है एफआईआर, आरोपी गिरफ्तार
इस तरह गुलाबगंज कृषि उपज मंडी समिति में करोड़ों रुपए के वित्तीय घोटाले का बड़ा खुलासा हुआ है। विशेष अंकेक्षण रिपोर्ट 2023-24 के आधार पर मंडी निरीक्षक व प्रभारी सचिव कुलदीप लकड़ा और सहायक वर्ग-3 प्रभारी लेखापाल नितिन नरवरिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। तत्कालीन सचिव कमल बगवैया फरार है। थाना गुलाबगंज में तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन और भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज किया गया है। अंकेक्षण में सामने आया है कि मंडी निधि से 50 लाख से अधिक के फर्जी भुगतान किए गए। बिना निविदा, बिना सामग्री प्राप्ति और बिना तकनीकी स्वीकृति के बड़ी राशि का लेनदेन हुआ।
जनवरी में कुरवाई मंडी के मामले में हुई थी आरोपियों की गिरफ्तारी इसी साल जनवरी में कुरवाई कृषि उपज मंडी में बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। ऑडिट रिपोर्ट में 1 करोड़ 90 लाख 26 हजार 673 रुपए के गबन का मामला सामने आया था। पुलिस ने मंडी प्रभारी सचिव ओमप्रकाश इमने सहित चार कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों ने मंडी कोष से अनधिकृत तरीके से करोड़ों रुपए निकाले और नियमों को ताक पर रखकर मनमानी खरीदी की थी।
जांच में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं, जिनमें रोकड़ बही में एंट्री न होना, तीन बार अग्रिम वेतन के नाम पर लाखों रुपए का हेरफेर और बिना वाउचर के सामग्री खरीद की गई थी। पुलिस मंडी प्रभारी सचिव ओमप्रकाश इमने, रिटायर्ड मंडी निरीक्षक करोड़ीलाल अहिरवार, खिलान सिंह रघुवंशी और साजिद मोहम्मद खान को गिरफ्तार कर चुकी है।
गिरफ्तारी के लिए टीम भेजी थी, लेकिन आरोपी नहीं मिले
मुख्य आरोपी ओमप्रकाश इमने कुरवाई मंडी में हुई गड़बड़ी के मामले में पहले ही जेल में हैं। हम न्यायालय में इस संबंध में आवेदन भी लगा चुके हैं। करीब 10 दिन पहले ही मेरे पास जांच आई है। इस तरह के मामले में आरोपी कई बार सजा से बच जाते हैं। इसलिए जांच में पुख्ता सबूत जुटा रहे हैं। शिवबहादुर सिंह और विश्वनाथ धामडे की गिरफ्तारी के लिए टीम को भेजा था लेकिन वो नहीं मिले। आरोपियों की तलाश की जा रही है। -अजय मिश्रा, एसडीओपी, लटेरी