इंदौर | इंदौर के 49 एग्जाम सेंटरों पर दोपहर 2 बजे से नीट की परीक्षा शुरू हो गई है। इस एग्जाम में 28 हजार स्टूडेंट शामिल हो रहे हैं। एग्जाम शाम 5 बजे तक चलेगा। सुबह 11 बजे से ही स्टूडेंट का सेंटरों पर पहुंचना शुरू हो गया था। गर्मी को देखते हुए सभी सेंटरों पर पानी और छांव की उचित व्यवस्था की गई है। एग्जाम सेंटरों पर एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट भी तैनात रहेंगे।
कुछ स्टूडेंट गेट बंद होने के पहले पहुंचे। सेंटर में आने के बाद स्टूडेंट्स अपनी बैठने की जगह यहां मौजूद स्टाफ से पूछते नजर आए। स्टूडेंट्स के साथ आए परिजन सेंटर के बाहर जमीन पर बैठकर उनका इंतजार कर रहे हैं। सेंटर पर 1.30 बजे गेट बंद कर दिए गए। अब किसी की एंट्री नहीं होगी।
जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन ने बताया कि नीट की एग्जाम के लिए 49 सेंटर बनाए गए हैं। इसमें 28 हजार स्टूडेंट्स एग्जाम में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि एग्जाम को लेकर सभी एसीएस, इंविजीलेटर्स सभी की ड्यूटी, सभी की ट्रेनिंग, ओरिएंटेशन पूरा किया है। इसके अलावा जिले में 12 फ्लाइंग स्क्वायर्ड बनाए गए हैं, जो सतत निरीक्षण करते रहेंगे। साथ ही सभी एग्जाम सेंटरों पर एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की तैनाती भी की गई है। यह एडिशन व्यवस्था जिला प्रशासन ने इंदौर में की है। ये सभी केंद्र पर व्यवस्था देखेंगे। इसके अलावा पुलिस की व्यवस्था भी सभी एग्जाम सेंटरों पर रहेगी।
एसडीएम प्रदीप सोनी ने बताया कि-

इंदौर में 49 सेंटरों पर एग्जाम हो रहा है। जिसके लिए हमने व्यापक स्तर पर व्यवस्था की है। परीक्षा एजेंसी के निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। हर सेंटर पर एक मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई है। फ्लाइंग स्क्वार्ड बनाए हैं। पुलिस व्यवस्था भी अच्छी है। बच्चों का बायोमैट्रिक भी हो चुका है।
गर्मी को देखते हुए भी व्यवस्था
उन्होंने बताया कि एग्जाम सेंटरों पर पानी, छांव और बैग रखने की व्यवस्था की गई है। गर्मी को देखते हुए भी जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए है।
28 हजार स्टूडेंट्स होंगे शामिल
नीट की एग्जाम में इंदौर में 28 हजार स्टूडेंट्स शामिल हो रहे हैं। एग्जाम के लिए इंदौर में अलग-अलग जगह 49 सेंटर बनाए गए हैं। एग्जाम सेंटरों पर स्टूडेंट्स के दस्तावेज चेक किए गए। बायोमेट्रिक सत्यापन भी किया गया। एग्जाम को लेकर इंविजीलेटर्स सहित अन्य को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है।
मॉरल सपोर्ट के लिए दतिया से आईं मां
डॉ. रक्षा तिवारी दतिया से अपनी बेटी अक्षरा तिवारी को मॉरल सपोर्ट देने के लिए खासतौर पर अपना काम छोड़ कर इंदौर पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार हुए स्कैम को लेकर बच्चे डरे हुए हैं। बच्चों को लग रहा है कि एग्जाम न जाने कैसे रहेगा, पेपर कैसा आएगा, इसलिए मॉरल सपोर्ट के लिए आए हैं। बच्चों से यही कहा है कि अपना 100% बेस्ट दो। बाकी कुछ भाग्य पर निर्भर करता है। अच्छा पेपर होना ना होना ताे लगा रहता है। जो होगा अच्छा ही होगा।
बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना
सुपाल सिंह डिंडोरी से आए हैं। अपने बेटे उमेश सिंह मरावी को डॉक्टर बनाने का सपना है। इसलिए पति-पत्नी दोनों हर दिन मजदूरी करते हैं। बेटे को इंदौर में कोचिंग भी पढ़ा रहे हैं। बेटे के एग्जाम तक यही रुकेंगे।