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नई दिल्ली
दिल्ली एम्स के एनसीआई (राष्ट्रीय कैंसर संस्थान) में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए सहायक प्रोफेसरों के 71 नए पद सृजित किए गए हैं। हाल ही में केंद्र सरकार से एम्स को इसकी स्वीकृति मिल गई है। इसलिए इन पदों पर सहायक प्रोफेसर स्तर के डॉक्टरों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
इन सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति होने से हरियाणा के झज्जर स्थित एनसीआई में फैकल्टी स्तर के डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी। इससे कैंसर के इलाज की सुविधाओं का विस्तार हो सकेगा। मौजूदा समय में एम्स का एनसीआई डॉक्टरों व कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है।
एनसीआई में अभी कितने हैं डॉक्टर?
इस वजह से 710 बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल में करीब 400 बेड ही कैंसर मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं। अभी एनसीआई में 41 फैकल्टी स्तर के डॉक्टर नियुक्त हैं। मेडिकल आंकोलाजी, लैब आंकोलाजी, न्यूक्लियर मेडिसिन सहित कई विभागों में डॉक्टरों की कमी है।
इसके मद्देनजर सहायक प्रोफेसर स्तर के 71 डॉक्टरों के नए पद सृजित किए गए हैं। इसके तहत सर्जिकल आंकोलाजी में सबसे अधिक 11, रेडिएशन व मेडिकल आंकोलाजी के सात-सात सहायक प्रोफेसर नियुक्त किए जाएंगे। इसके अलावा कई अन्य विभागों में सहायक प्रोफेसरों के नए पद सृजित किए गए हैं।
265 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू
हाल ही में एम्स ने 265 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की है। जिसमें से 52 सहायक प्रोफेसर एनसीआई में नियुक्त किए जाने हैं। इसके अलावा पिछले दिनों एनसीआई के लिए 447 नर्सिंग व अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए भी नए पद सृजित किए गए थे।
इसी क्रम में एम्स प्रशासन ने अस्पताल के मुख्य अस्पताल सहित विभिन्न सेंटरों में कार्यरत नर्सिंग कर्मचारियों उनकी स्वेच्छा से एनसीआई में स्थानांतरित करने की पहल की है। इसके तहत जो नर्सिंग कर्मचारी स्वेच्छा से स्थानांतरण लेकर एनसीआई जाना चाहते हैं वे इसके लिए आवेदन दे सकते हैं। इसका मकसद एनसीआई में नर्सिंग कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना है।