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कानपुर
घर से नाराज होकर निकले दो युवकों ने अपने अपहरण का ड्रामा रच डाला। हमीरपुर के ग्वालटोली इलाके में एक हिस्ट्रीशीटर के घर छुपकर स्वजनों को फोन करके अगवा होने और छोड़ने के लिए पांच लाख रुपये मांग किए जाने की बात कही।
परिजनों ने किदवईनगर पुलिस को सूचना दी। अपहरण की सूचना पर पुलिस तत्काल कार्रवाई करते हुए सर्विलांस की मदद से दोनों युवकों को बरामद कर लिया। दोनों को थाने लेकर पहुंची पुलिस ने परिजनों के गिड़गिड़ाने पर बिना कार्रवाई के छोड़ दिया।
यह है पूरा मामला
किदवईनगर एच ब्लॉक निवासी दिव्यांग का 19 वर्षीय बेटा आवारा है। 12 मार्च को परिजन के डांटने पर वह घर से गुजैनी आई ब्लॉक निवासी दोस्त के साथ घर से निकल गया।
बुधवार को दिव्यांग पिता के पास एक अज्ञात नंबर से बेटे ने फोन कर किया। कहा कि पिता जी मेरा अपहरण हो गया और पांच लाख देकर बचा लीजिए। सहमे पिता ने किदवईनगर पुलिस को सूचना दी।
अपहरण की सूचना पर पुलिस ने नंबर को सर्विलांस पर लगाया तो हमीरपुर लोकेशन निकली। अधिकारियों के निर्देश पर हनुमंतविहार और किदवईनगर थाने से दो टीमें रवाना हुईं।
लोकेशन हमीरपुर के ग्वालटोली इलाके के एक हिस्ट्रीशीटर के घर पर निकली। पुलिस के पहुंचने पर हिस्ट्रीशीटर व उसका साथी भाग निकला। पुलिस ने दोनों युवकों को पकड़ कर थाने ले आई। पूछताछ में दोनों जेब खर्चे के लिए झूठी अपहरण की कहानी रचने की बात स्वीकारी।
इधर, पुलिस थाने लेकर आई तो दोनों युवकों के परिजन छोड़ने की गुहार लगाने लगे। कुछ जनप्रतिनिधियों के फोन भी पुलिस के पास पहुंचे, जिसके बाद दोनों को हिदायत देकर छोड़ दिया गया।
एडीसीपी महेश कुमार ने बताया कि दोनों युवकों ने झूठी अपहरण की कहानी रची थी। पुलिस ने युवकों को सकुशल ढूंढ़ लिया है। हिदायत देकर छोड़ा गया है।