अपने घर में दी शरण, मुझे ही कर दिया बेदखल
राजातालाब शहंशाहपुर की रिटायर्ड शिक्षक कैसर जहां ने तीसरी बार आयोग के सामने फरियाद की। आरोप था कि डेढ़ विस्वा में अपने पैसे से मकान बनवाया। भाई का घर गिरा तो उसे शरण दी लेकिन बाद में उसने बाहर कर दिया। पुलिस इसमें सहयोग नहीं कर रही। आयोग ने पुलिस को तत्काल इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया।
साक्ष्य सौंपा तो पति ने छोड़ दिया साथ
रामनगर की एक महिला ने आयोग के समक्ष घरेलू हिंसा की आपबीती सुनाई। कहा कि मेरे पति फौज में नौकरी करते हैं। उनका भतीजा मेरे सोने के दौरान गलत वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करता रहा। इस बात की जानकारी जब पति को दी तो उन्होंने मानने से इंकार कर दिया। साक्ष्य मांगने लगे।
पुलिस को हिदायत, दोबारा पीड़िता को न आना पड़े आयोग के पास
राज्य महिला आयोग की सदस्य गीता विश्वकर्मा ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि आयोग की जनसुनवाई में कुल 21 प्रकरण आए। इसमें 17 प्रकरण सीधे तौर पर पुलिस से जुड़े रहे। किसी ने पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज न करने का आरोप लगाया तो किसी ने निष्पक्ष जांच न करने का।
जिला जेल, अस्पताल, बालिका गृह को भी जांचा
राज्य महिला आयोग की सदस्य जनसुनवाई के बाद जिला जेल पहुंची। विभिन्न प्रकरण में जेल में बंद 75 महिलाओं का हाल जाना। इसके बाद वन स्टाप सेंटर, दीन दयाल व कबीरचौरा महिला अस्पताल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिवपुर व रामनगर बालिका गृह का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया। इस दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर पांडेय समेत पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।