एक दिन उसकी हरकत की वीडियो चुपके से बनाकर जब पति को दी तो उन्होंने मुझे गलत बताकर छोड़ दिया। आयोग से मेरी यही मांग है कि जिसने मेरा घर बर्बाद किया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। आयोग ने इस प्रकरण की जांच कर कार्रवाई के लिए पुलिस को निर्देशित किया। इसी प्रकार शीला देवी का आरोप रहा कि पति ने छोड़कर दूसरी शादी कर ली। इससे पूर्व घर से मुझे निकाल दिया गया। दर दर की ठोकर खा रही हूं। न्याय नहीं मिल रहा है।

पुलिस को हिदायत, दोबारा पीड़िता को न आना पड़े आयोग के पास

राज्य महिला आयोग की सदस्य गीता विश्वकर्मा ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि आयोग की जनसुनवाई में कुल 21 प्रकरण आए। इसमें 17 प्रकरण सीधे तौर पर पुलिस से जुड़े रहे। किसी ने पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज न करने का आरोप लगाया तो किसी ने निष्पक्ष जांच न करने का।

जमीन से जुड़े दो मामले तहसील सदर और पेंशन आदि के दो प्रकरण जिला समाज कल्याण विभाग से रहे। आयोग ने एक एक प्रकरण को सुना। जांच आख्या तलब की है। पुलिस व अन्य विभागीय अफसरों को सख्ती के साथ निर्देशित किया कि ईमानदारी से यहां आए प्रकरणों की जांच कर दोषी को जेल भेजे। पीड़िता को न्याय दिलाएं और निर्दोष पर किसी भी हाल में जुल्म नहीं होने पाए।
आयोग के सामने छोटे छोटे प्रकरण में किसी पीड़िता को दोबारा न आना पड़े। बनारस में एक युवती से सामूहिक व एक बालिका से दुष्कर्म के सवाल पर कहा कि सरकार स्वयं इसको लेकर गंभीर है। जांच चल रही है। दोषी जेल भेजे जा रहे हैं। अब तक की प्रगति का आयाेग ने जानकारी ली है। महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ने के सवाल पर कहा कि ऐसा नहीं है। सरकार संवेदनशील है। प्रकरण आते ही पुलिस कार्रवाई कर रही हैं।

जिला जेल, अस्पताल, बालिका गृह को भी जांचा

राज्य महिला आयोग की सदस्य जनसुनवाई के बाद जिला जेल पहुंची। विभिन्न प्रकरण में जेल में बंद 75 महिलाओं का हाल जाना। इसके बाद वन स्टाप सेंटर, दीन दयाल व कबीरचौरा महिला अस्पताल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिवपुर व रामनगर बालिका गृह का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया। इस दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर पांडेय समेत पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।