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नई दिल्ली
एम्स में सहायक प्रोफेसर स्तर के 265 डॉक्टर नियुक्त किए जाएंगे। करीब 3 वर्ष बाद के लंबी अवधि के बाद एम्स प्रशासन ने स्थाई तौर पर सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की है। इसलिए आठ-नौ महीने में इन डाक्टरों की नियुक्ति हो जाएगी। इससे एम्स में डॉक्टरों की कमी काफी हद तक दूर होगी। इससे मरीजों के इलाज में आसानी होगी। साथ ही इससे मेडिकल के छात्रों को भी फायदा होगा।
मौजूदा समय में एम्स डाक्टर की भारी कमी से जूझ रहा है। हाल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संबंधित स्थाई संसदीय समिति की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया है और इस मामले पर चिंता जाहिर की गई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार एम्स में फैकल्टी स्तर के डॉक्टरों के 34.81 प्रतिशत, गैर शैक्षणिक कैडर के वरिष्ठ रेजिडेंट डाक्टरों के 37.48 प्रतिशत व जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के 46.89 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं।
एम्स में फैकल्टी स्तर के डाक्टरों के 430 पद खाली
एम्स में फैकल्टी स्तर के डाक्टरों के 1235 पद हैं। जिसमें से 430 पद खाली है। इससे मरीजों का इलाज प्रभावित होता है। वर्ष 2021 के बाद एम्स में सहायक प्रोफेसरों की स्थायी नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं हुई थी। पिछले वर्ष अनुबंध पर कुछ सहायक प्रोफेसर नियुक्त किए थे। फिर भी फैकल्टी स्तर के डाक्टरों की कमी बनी हुई है।
जल्द डाक्टरों की नियुक्ति के लिए सिफारिश की
इस वजह से मंत्रालय से संबंधित स्थायी संसदीय समिति ने जल्द डाक्टरों की नियुक्ति के लिए सिफारिश की दी। इसी क्रम में एम्स प्रशासन ने अब 265 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके लिए 15 मई से आनलाइन आवेदन दिया जा सकेगा और 14 जून को आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया बंद हो जाएगी।