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बांका
जिले के सभी 1169 प्राथमिक विद्यालय अपनी स्थापना काल से ही प्रधान का इंतजार कर रहे हैं। वहां विभाग ने प्रधानाध्यापक का पद ही स्वीकृत नहीं किया, न ही कभी यहां प्रधानाध्यापक नियुक्त किए गए। नतीजा, पिछले एक से लेकर पांच दशक से जिले के सभी प्राथमिक विद्यालय प्रभार में ही चलते रहे।
इससे विद्यालय का प्रबंधन बुरी तरह प्रभावित रहा। वहां प्रभार को लेकर विद्यालय के शिक्षकों के बीच घमासान चलता रहा। हालांकि, अब इसी महीने प्राथमिक विद्यालयों के इस संकट पर विराम लग जाने की उम्मीद है। पिछले साल ही सरकार ने बीपीएससी से परीक्षा आयोजित कर इन विद्यालयों में प्रधान शिक्षक की बहाली की है।
शिक्षकों की नियुक्ति
इस परीक्षा में पूर्व से विद्यालय में सेवा दे रहे शिक्षकों को ही अवसर दिया गया। जिला में ही पूर्व से सेवा दे रहे 565 शिक्षकों ने प्रधान शिक्षक की परीक्षा पास बांका जिला आवंटन कराने में सफलता प्राप्त कर ली है।
इसके अलावा अधिक रिक्ति को देखते हुए दूसरे जिला के भी दो सौ शिक्षकों को प्रधान शिक्षक के रूप में बांका जिला आवंटित किया गया है।
यानी करीब 765 प्रधान शिक्षक इस महीने के अंत तक बांका में प्राथमिक विद्यालयों की कमान संभाल लेंगे। शिक्षा विभाग इनके विद्यालय आवंटन की तैयारी में है। निश्चित रूप से पहली बार प्राथमिक विद्यालयों को प्रधान मिलने के बाद वहां प्रभार की परंपरा खत्म होगी।
प्रधान शिक्षकों ने दिए तीन विकल्प
जिला आवंटन के बाद शिक्षा विभाग ने पिछले सप्ताह प्रधान शिक्षकों से तीन प्रखंड का विकल्प मांगा था। 12 अप्रैल तक ही सफल प्रधान शिक्षकों ने ऑनलाइन माध्यम से अपना विकल्प सम्मिट कर दिया है। इस महीने के अंत तक प्रधान शिक्षकों को पटना से ही रेंडमाइजेशन के माध्यम से विद्यालय आवंटित कर दिया जाएगा।
शिक्षकों की कमी पूरी
नए प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी पहले ही पूरी कर ली गई है। बीपीएससी टीआरई-1 और टीआरई-2 से वहां पहले ही बच्चों के अनुपात में शिक्षकों की तैनाती हो चुकी है। अब बीपीएससी के माध्यम से ही परीक्षा आयोजित कर वहां प्रधान शिक्षक तैनात किए जा रहे हैं।
प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक और उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों की तैनाती प्रक्रिया अंतिम चरण में है। पहले प्रधान शिक्षकों की तैनाती होनी है।