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नवगछिया
वर्ष 2024 में बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के इंजीनियरों की लापरवाही से इस्माइलपुर-बिंद टोली के बीच तटबंध ध्वस्त हुआ था। जल संसाधन विभाग ने इसके लिए बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता व कनीय अभियंता को जिम्मेदार माना है।
विभाग ने किया जवाब तलब
करीब आठ महीने बाद विभाग ने तीनों अधिकारियों से शोकाज नोटिस जारी किया है। विभाग ने सभी से तत्काल जवाब तलब किया है। तटबंध के टूटने से नवगछिया अनुमंडल में भारी तबाही मची थी। फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई थीं।
कैसे हुआ था हादसा?
बता दें कि 20 अगस्त को इस्माइलपुर-बिंद टोली के स्पर संख्या सात व आठ के बीच लगभग 125 मीटर तटबंध ध्वस्त हो गया था। जहां तटबंध टूटा वह कैंप कार्यालय से महज कुछ ही दूरी पर था। बावजूद तटबंध को बचाने के लिए किसी तरह के उपाय नहीं किए गए।
गोपालपुर व रंगरा प्रखंड के लोग हुए प्रभावित
तटबंध के ध्वस्त होने के बाद बड़े पैमाने पर गोपालपुर व रंगरा प्रखंड की आबादी बुरी तरह से प्रभावित हो गई। सड़क पर पानी बहने लगा, जिससे यातायात प्रभावित हो गया।
बड़े पैमाने पर एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमों को बचाव व राहत का कार्य में लगाया गया। करीब एक लाख की आबादी को बाढ़ के कारण नारकीय जीवन जीना पड़ा।
अवरोध के कारण बचाव में देरी
नवगछिया बाढ़ प्रमंडल कार्यालय के अभियंताओं का कहना है कि तटबंध पर बड़ी संख्या में लोगों का आवासन होने के कारण फ्लड फायटिंग कार्य शुरू नहीं किया जा सका। यदि तटबंध खाली रहता तो उसे बचाया जा सकता था।