2.5kViews
1923
Shares
कानपुर
भैया, शहर में नए हो क्या जो सड़कों की खोदाई से वाकिफ नहीं हो। यहां तो हम लोगों की आदत हो चुकी है। आए दिन सड़कों पर खोदाई होती रहती है। कभी जलकल तो कभी जल निगम पेयजल और सीवर लाइन डालने व मरम्मत के नाम पर खोदाई कर देते हैं लेकिन इसके बाद की समस्या तो हम लोग ही झेलते हैं। हमारी जान हमेशा जोखिम में रहती है।
गुटैया क्रासिंग से देवकी चौराहे के बीच नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पाइप लाइन डाले जाने के दौरान शनिवार को जब दैनिक जागरण के संवाददाता ने वहां के लोगों से समस्या को लेकर पूछा तो उन्होंने कुछ ऐसी बातें कहीं। इससे ये तो स्पष्ट है कि शहर की दुर्दशा के जिम्मेदारों की वजह से शहरवासी सड़कों पर होने वाले गड्ढों से अभ्यस्त हो चुके हैं। इस रोड से हर रोज करीब 50 हजार लोग गुजरते हैं। फिलहाल इस रोड की खोदाई की वजह से लोगों को जान जोखिम में डालकर निकलना पड़ रहा है। बैरिकेड्स लगाने के नाम पर सिर्फ खानापूरी की गई है।
जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन (जेएनएनयू्आरएम) योजना के तहत वर्ष 2007 से शहर में दो फेस में 869 करोड़ रुपये से पाइप लाइन बिछाने, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, 76 पंपिंग स्टेशन और टंकियों का निर्माण शुरू हुआ था। वर्ष 2015 तक पाइप भी डाल दिए गए थे। इसके बाद टेस्टिंग शुरू हुई तो जमीन में दफन भ्रष्टाचार का खेल फव्वारे के रूप में फूटने लगा। पाइप लीकेज के चलते अभी तक जलापूर्ति नहीं हो पाई है। इस समस्या को दूर करने के लिए एक बार फिर कवायद शुरू हुई।
जल निगम कंपनी बाग चौराहे से रावतपुर, काकादेव से विजय नगर होते हुए दादानगर तक करीब 4.86 किमी की गहरी पेयजल लाइन डाल रहा है। इस बार ये काम गंगा इन्फ्राबिल्ट और सुपर कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है। 41.60 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में कंपनी बाग से दादानगर तक लोहे के पाइप डाले जाने हैं। इस समय गुटैया क्रासिंग से देवकी चौराहे तक लोहे के पाइप डाले जा रहे हैं। इसके लिए यहां खोदाई तो की गई लेकिन नियमों का पालन नहीं किया गया। शनिवार सुबह आठ से दस बजे के बीच जब लोग अपने कार्यालयों की ओर जा रहे थे और बच्चे स्कूल तो यहां बेतरतीब खोदाई जारी थी।
खोदाई के चारों तरफ बैरिकेड्स लगने जरूरी हैं लेकिन ठेकेदार ने बैरिकेड्स के नाम पर कुछ बोर्ड लगा रखे हैं। अधिकांश हिस्सा खुला है, जहां सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए थे। ऐसे में ये रास्ता वाहन सवारों के लिए खतरनाक हो गया है। जरा सी असावधानी जान पर बन सकती है। कुछ जगह पाइप डालकर गड्ढे भरे गए हैं लेकिन उसे समतल नहीं किया गया। इससे सड़क ऊबड़ खाबड़ हो चुकी है। आटो-टेंपो और ई-रिक्शा सवारी लेकर निकलता है तो सवारियों को पलटने का डर सताता रहता है।
आगे के हिस्से में मेट्रो ने डाल दिए पाइप
जल निगम के अवर अभियंता अनुराग कुमार ने बताया कि देवकी चौराहे के आगे जहां मेट्रो प्रोजेक्ट चल रहा है। वहां पहले ही मेट्रो ने पाइप डाल दिए हैं, बस लाइन जोड़नी है।
खोदाई के ये हैं नियम
- सुरक्षा के लिए गड्ढों के चारों तरफ बैरिकेड्स लगाई जाएं।
- काम शुरू होने से खत्म होने तक लाल रंग से लिखा सावधान बोर्ड भी लगा होना चाहिए।
- खोदाई के दौरान मिट्टी उड़ने पर पानी का छिड़काव हो, कर्मचारियों के पास सेफ्टी किट हो।
क्षेत्रीय लोगों का दर्द
सर्वोदय नगर में गुटैया क्रसिंग से देवकी चौराहे तक बहुत बुरी स्थिति है। वाहन सवारों के लिए ये सड़क खतरनाक हो गई है। इससे पहले भी कई बार शहरभर में खोदाई से लोग परेशान हो चुके हैं। – प्रमोद कुमार, सर्वोदय नगर
वाहन सवार जरा सा चूक जाएं तो सीधे गड्ढे में चले जाएंगे। गड्ढा भर तो दिया गया है कि लेकिन उसे समतल न किए जाने से वाहन सवार अनियंत्रित होकर घायल हो सकता है। इसे ठीक कराना चाहिए। – मुन्ना गुप्ता, सर्वोदय नगर
पाइप डालने का काम पूरी सतर्कता के साथ कराया जा रहा है। अगर कहीं बैरिकेड्स नहीं लगे हैं तो लगवाया जाएगा। सुरक्षा को लेकर पूरा ध्यान है। भले ही काम कुछ दिन और बढ़ जाए लेकिन सुरक्षा सबसे पहले जरूरी है। अवर अभियंता को इसके लिए बोला गया है। -पकंज श्रीवास्तव, सहायक अभियंता जल निगम