कृष्ण मंदिर परिसर को घेरने वाली कार स्ट्रीट, दैनिक अनुष्ठानों, धार्मिक जुलूसों और वार्षिक उत्सवों में एक केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि इसका आध्यात्मिक महत्व रोमांटिक फोटो सेशन के लिए बहुत कम जगह छोड़ता है, जिसे धार्मिक भावनाओं के प्रति अपमानजनक माना जा सकता है।
गोपालाचार्य ने स्पष्ट किया कि इस फैसला का उद्देश्य आगंतुकों या भक्तों को हतोत्साहित करना नहीं है, बल्कि उन गतिविधियों को रोकना है जो मंदिर द्वारा बनाए जाने वाले श्रद्धा के माहौल के साथ असंगत मानी जाती हैं।

मंदिर प्रबंधन ने फोटोग्राफरों से की ये अपील

मंदिर प्रबंधन ने फोटोग्राफरों और शादी के आयोजकों से नए निर्देश का सम्मान करने की अपील की है, जो इस सप्ताह प्रभावी हो गए हैं। गोपालाचार्य ने कहा, ‘इस सदियों पुरानी विरासत स्थल की पवित्रता को बनाए रखना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।’ तटीय कर्नाटक में एक प्रमुख तीर्थस्थल और सांस्कृतिक स्थल उडुपी कृष्ण मठ, हर साल हजारों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।