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मुजफ्फरनगर
यूपी विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि संतों ने सनातन संस्कृति का संदेश अनंत समय से विश्व को दिया है। सनातन संस्कृति मनुष्य को जीवन पद्धति सिखाती है।
हमारे यहां किसी से द्वेष नहीं दिखाया जाता है। जिस प्रकार नदियां समुद्र में मिल जाती हैं, वैसे ही सनातन संस्कृतियों का मूल है। यह पीएम और सीएम कोई ओवरनाइट नहीं है, यह तो संतों की वर्षों की तपस्या का फल मोदी व योगी का शासन है।
महाना शुक्रवार को तीर्थ नगरी शुकतीर्थ के हनुमद्धाम में चल रही श्रीहनुमत जयंती महोत्सव में आयोजित विराट दिव्य संत सम्मेलन में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण और वासुदेव कुटुंबकम का संदेश सनातन देता है। 140 करोड़ की आबादी वाला देश सुख शांति से आगे बढ़ रहा है तो यह अदृश्य शक्तियों के कारण है और एक दिन इसी संदेश से पूरा विश्व प्रेरणा लेगा।
संतों का आदर सम्मान सर्वोपरि है- महाना
योग्यता पद का आधार नहीं होती है। योग्यता से पद व सम्मान मिलेगा यह तो भ्रम है। अनेक व्यक्ति योग्य होते हैं। पद संतों की कृपा से मिलता है। वह संतों की कृपा से ही आज इस पद पर हैं। संतों का आदर सम्मान सर्वोपरि है। शुकतीर्थ की पावन भूमि पर संतों का सानिध्य प्राप्त होना बड़े सौभाग्य की बात है।
इससे पहले विधान सभा अध्यक्ष ने श्रीराम मंदिर में पूजा अर्चना की तत्पश्चात हनुमद्धाम में पहुंचे जहां पर महामंडलेश्वर स्वामी केशवानन्द सरस्वती महाराज के सानिध्य में कुर्ता धोती पहनकर पूजा अर्चना करते हुए हनुमान जी को छत्र चढ़ाया।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, बिजनौर सांसद चंदन सिंह चौहान, मीरापुर विधायक मिथलेश पाल, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल, पूर्व विधायक अशोक कंसल, ट्रस्ट के अध्यक्ष आरके टंडन ने देश भर से आए महामंडलेश्वर, पीठाधीश्वर, महंत को माल्यार्पण कर उनका अभिवादन कर आर्शीवाद प्राप्त किया।