2.7kViews
1109
Shares
फर्रुखाबाद
सांस रोग पीड़ित ग्रामीण को डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत में सुधार न होने पर चिकित्सक ने मरीज को बाहर ले जाने की सलाह देते हुए रेफर कर दिया। स्वास्थ्य कर्मचारी ने आधी अधूरी रेफ स्लिप थमा दी। तीमारदार को एंबुलेंस सेवा की भी जानकारी नहीं दी गई। इस बीच मरीज की जान चली गई।
जनपद हरदोई थाना हरपालपुर क्षेत्र के गांव अन्ना निवासी 45 वर्षीय रामधार राजपूत को आठ अप्रैल को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके पैर में सूजन थी और वह सांस रोग से पीड़ित थे। प्रथम तल पर बने वार्ड में रामधार का इलाज चेस्ट फिजीशियन डा. ध्रुवराज सिंह कर रहे थे। उन्होंने हालत देखते हुए मरीज को रेफर कर दिया था। गुरुवार सुबह स्टाफ नर्स पूनम ने आधी अधूरी रेफर स्लिप रामधार के बहनोई प्रतिपाल को पकड़ा दी। कहा कि वह मरीज को हृदय रोग संस्थान कानपुर ले जाएं, लेकिन तीमारदार को सरकारी एंबुलेंस सेवा की जानकारी नहीं दी गई।
कानपुर ले जाने के लिए तीमारदार मरीज को वार्ड से निकाल लाए और उन्हें अस्पताल परिसर में बनी पुलिस चौकी के बाहर लिटा दिया। कुछ देर बाद रामधार की मृत्यु हो गई। मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। पुलिस कर्मियों ने पूछताछ की तो लोगों की उनसे नोकझोंक हो गई। चौकी प्रभारी जयंत फौजदार ने लोगों को समझाकर शांत किया। वह रामधार की रेफर स्लिप लेकर अस्पताल के आकस्मिक विभाग पहुंचे। ड्यूटी पर मौजूद डा. अंकित मिश्रा ने रेफर स्लिप को अधूरा बताया। कहा कि जिस कर्मचारी ने रेफर स्लिप बनाई है, उसे पूर्ण करनी चाहिए थी।
फार्मासिस्ट सुधाकांत मिश्रा ने रेफर स्लिप को पूर्ण किया। स्टाफ नर्स पूनम ने बताया कि मरीज की बीएचटी पर उन्होंने ने ही तीमारदार से लिखवाया था कि ‘वह मरीज लेकर जा रहे हैं।’ मरीज का नाम रामधार की जगह रामनाथ अंकित हो गया था। हो सकता है कि उनके सुनने में गलती हो गई हो। पोस्टमार्टम में फेफड़े में संक्रमण होने की वजह से मरीज की मौत होने का कारण बताया गया।