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मुजफ्फरनगर
जनपद में बुधवार को अनोखा निकाह हुआ है। मुस्लिम बहन की बेटी आसमा के निकाह में हिन्दू भाई राहुल ठाकुर ने भात भरा है। इतना ही नहीं भांजी को हेलीकॉप्टर से विदाई दी। सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देता की यह रस्म पूरे दिन लोगों की जुबां पर रही।
चरथावल क्षेत्र के गांव न्यामू की बेटी परवीन गांव के राहुल ठाकुर को भाई मानती हैं। तीन पीढ़ियों से यह रिश्ता विश्वास की मजबूत डोर से बंधा है। दोनों परिवार खुशी और गम के पल में एक दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं।
परवीन का निकाह छपार के रहने वाले भूरा से हुआ है। भूरा परिवार के साथ कई सालों से कतर (विदेश) में रहते हैं। बीते दिनों उन्होंने बेटी आसमा का निकाह सरधना (मेरठ) क्षेत्र के गांव नानू निवासी शादाब त्यागी से तय किया।
कार्ड पर छपाया था मुंह बोले भाई का नाम
परवीन ने बेटी की शादी के कार्ड में अपने मुंह बोले भाई राहुल ठाकुर का नाम भी अंकित कराया था। इतना ही नहीं भात का निमंत्रण गांव न्यामू जाकर दिया था। आसमा की शादी को यादगार बनाने के लिए राहुल ठाकुर ने हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की। इसके लिए विभागीय अनुमति के साथ ही हेलीकॉप्टर का संपूर्ण खर्च वहन किया।
गुरुवार को जानसठ रोड स्थित ग्रीन फार्म हाउस पर शादी समारोह हुआ, जिसमें राहुल ठाकुर ने 31 हजार रुपये समेत जेवर और वस्त्र आदि भात के रूप में दिए। इसके साथ ही सरधना के गांव नानू से आई बारात का स्वागत भी किया। शाम पांच बजे राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान से आसमा को हेलीकॉप्टर में बैठाकर विदा किया।
राहुल बताते हैं कि भांजी की विदाई के समय पिता ठाकुर अमन सिंह राणा समेत दोनों बच्चे मौजूद रहे। विदाई के समय परिवार भावुक हो गया। वह बताते हैं कि तीन पीढियों से दोनों परिवार एक दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते हैं। आगे बच्चों को भी इस रिश्ते को निभाने की शिक्षा देते हैं।
परवीन ने निभाया बहन का फर्ज
राहुल ठाकुर बताते हैं कि परवीन ने हमेशा बहन का फर्ज निभाया। एक साल पहले सगी बहन की शादी हुई। तब परवीन परिजनों के साथ कतर से शादी समारोह में शामिल होने आई थी। ढेरों उपहार दिए थे। तीन साल पहले पिता हादसे का शिकार हो गए थे। उनके उपचार के लिए काफी खर्च आया था। पैसे खत्म हो गए थे। जब परवीन को यह बात पता चली तो आठ लाख रुपये लेकर अस्पताल पहुंची थीं।