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नई दिल्ली
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) का घाटा दिल्ली सरकार के लिए बड़ी समस्या बन गया है। यह निगम इस समय करीब 65,000 करोड़ के घाटे में चल रहा है और यह घाटा बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने इस घाटे को कम करने पर फोकस बढ़ाया है।
सरकार इस घाटे को पूरा करने के लिए डीटीसी में आय के रास्ते खोज रही है। इसमें डीटीसी की 400 से अधिक संपत्तियों में प्रमुख रूप से शामिल बस स्टैंड, टर्मिनल और डिपो के मुख्य द्वारों पर विज्ञापन की अनुमति दी जाएगी और इसके माध्यम से आय जुटाई जाएगी। पहले चरण में 170 संपत्तियों को चिन्हित किया जा रहा है।
इसके अलावा आय के अन्य माध्यम भी तलाशे जा रहे हैं। परिवहन मंत्री डा. पंकज सिंह ने कहा कि उनका लक्ष्य एक साल में कम से 270 करोड़ की आय बढ़ाना है कि जिससे कम से कम हर साल बढ़ रहे घाटे पर लगाम लगाई जा सके।
डीटीसी के घाटे का मुद्दा गत दिनों सड़क से लेकर दिल्ली विधानसभा सदन तक गर्माया रहा है। खासकर दिल्ली विधानसभा में पेश की गई कैग रिपोर्ट के बाद से यह मामला तूल पकड़ चुका है। कैग रिपोर्ट में यह सवाल भी उठाया गया है कि पूर्व की आप सरकार ने इस विषय में कोई ठोस काम नहीं किया कि जिससे इस घाटे को कम किया जा सकता था। इस मुद्दे को भाजपा सरकार ने उठाते हुए डीटीसी के घाटे को कम करने के लिए भी रास्ते तलाशने शुरू कर दिए हैं।
ढ़ाएगी अपनी आय
- बस स्टाप के साथ-साथ टर्मिनल, डिपो के मुख्य द्वारों पर विज्ञापन लगाने की अनुमति दी जाएगी।
- वसंत कुंज व हरी नगर बस डिपो में बहुस्तरीय पार्किंग बनने से आय का रास्ता प्रशस्त होगा, अन्य डिपो में भी बहुस्तरीय पार्किंग और अन्य इमारतों का निर्माण कर व्यावसायिक गतिविधियों को मंजूरी दी जाएगी।
- डीटीसी दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट तक अपनी बसें चलाने जा रही है, उसे उम्मीद है कि इससे भी कुछ आय बढ़ सकेगी।
- डीटीसी अपने खर्च को कम करने के लिए अपने सभी परिसरों में सौर ऊर्जा का उपयोग करेगी और संभव हुआ तो बिजली पैदा कर बेच भी सकेगी।
- डीटीसी अपने टर्मिनलों में बस कैंटीन खोलने की मंजूरी देगी, जिसमें पुरानी हो चुकी डीटीसी बसों में कैंटीन खोली जाएंगी।