नोटिस में बताया गया कि इन तमाम कारणों से कंपनी की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से पंगु हो गई है। नोटिस में यह भी कहा गया कि सब्सिडी के एनर्जी मानक के चलते कंपनी के पास उत्पादन बंद करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं रह गया था।
2002 में डंकन भी बंद हुई थी
वर्ष 2002 में डंकन भी बंद हो गई थी। यह फैक्ट्री 2012 तक बंद रही थी। केएफसीएल के प्रबंधन ने अधिकारियों और कर्मचारियों के बकाए का भुगतान किया था। इस बार समस्या यह है कि केएफसीएल की पैरेंट कंपनी जय प्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड खुद इन स्थितियों में है कि वह अपनी किसी भी सह कंपनी के कर्मचारियों के बकाए का भुगतान नहीं कर सकती।
1969 में शुरू हुआ था यह प्लांट
1969 में यह प्लांट शुरू किया गया था। इसका नाम इंडियन एक्सप्लोसिव लिमिटेड के नाम पर आइईएल था। इसमें चांद छाप यूरिया का निर्माण होता था। 1990 में डंकन ने इसे चलाना शुरू किया।