किसानों को संगठन से जोड़कर इस प्लांट में उनके उत्पाद को संरक्षित किया जाएगा। जनपद के सब्जी उत्पादन में प्रमुख स्थान हैं। यहां लगभग 61760 हेक्टेयर में इसकी खेती की जाती है। अनुमानित उत्पादन 1265480 मीट्रिक टन है। भंडारण की व्यवस्था न होने के कारण हर साल भारी मात्रा में सब्जियां सड़-गलकर नष्ट हो जाती हैं। किसान कौड़ियों के भाव बेचने को मजबूर हो जाता है। सुनीता राय की इस पहल से उत्पाद को बढ़ावा मिलने के साथ ही उपज का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।
केराकत के मेहौड़ा गांव में आठ करोड़ की लागत से स्थापित सुनीता मशरूम प्लांट में अभी एक टन मशरूम का प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है। प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के साथ ही मशरूम का प्रतिदिन दो टन उत्पादन किया जाएगा। इसके अलावा यहां मशरूम स्पान लैब भी लगाया जाएगा, जिससे जनपद समेत पूर्वांचल के किसानों को गुणवत्तायुक्त मशरूम का बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
सुनीता मशरूम प्लांट में 100 महिला व पुरुष श्रमिकों को रोजगार से जोड़ा गया है। प्रोसेसिंग यूनिट लगने और मशरूम की उत्पादन दो गुना करने के लिए 400 और लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। सोमवार को गुड़गांव के वैज्ञानिक डा. अजय कुमार ने प्लांट का निरीक्षण करने के साथ ही यहां कार्यरत लोगों को प्रशिक्षण भी दिया।
पांच करोड़ का टर्न ओवर बढ़ाकर 100 करोड़ की तैयारी
सुनीता मशरूम प्लांट का टर्न ओवर पांच करोड़ रुपये सालाना है। इसे 100 करोड़ करने की योजना है। इसके लिए मशरूम का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही पूर्वांचल के किसानों का उत्पाद खरीद कर प्रोसेसिंग के बाद विदेश भेजा जाएगा।
गोजवास के मालिक की पत्नी हैं सुनीता राय
किसानों व बेरोजगारों को आत्म निर्भर बनाने वाली सुनीता राय 14 साल की उम्र में मुंबई में डिलीवरी ब्वाय की नौकरी शुरू कर गोजवास कंपनी के मालिक बने मेहौड़ा गांव निवासी आनंद राय की पत्नी हैं। आनंद राय के संघर्ष की लंबी कहानी है। किसान के इस पुत्र ने इंटर कालेज सूरतपुर पेसारा में कक्षा दस उत्तीर्ण करने के बाद मुफिलिसी से उबरने के लिए रोजगार के लिए देहरादून, मुंबई में डिलीवरी ब्वाय बने।
दिन-रात पसीना बहाने के बाद प्रतिमाह 250 रुपये कमाने वाले श्री राय का आज देश-विदेश में करोड़ों का न सिर्फ कारोबार है, बल्कि दस हजार से अधिक लोगों को रोजगार दिए हैं। आनंद राय ने बताया कि वर्तमान में मुंबई से प्रतिदिन तीन से चार टन सब्जियां विदेशों में निर्यात की जा रही हैं। जनपद सहित पूर्वांचल के किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए यह यहां प्लांट स्थापित किया गया है।
प्रोसेसिंग प्लांट पर मिलेगा 35 प्रतिशत अनुदान
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के तहत उद्योग के लिए 35 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था है। इस योजना के तहत अधिकतम दस करोड़ रुपये तक अनुदान का लाभ मिलेगा। मेहौड़ा में इसी योजना के तहत प्लांट स्थापित है। जनपद में इच्छुक उद्यमी इस योजना से जुड़कर लाभ ले सकते हैं। डाक्टर सीमा सिंह राना, जिला उद्यान अधिकारी