2.3kViews
1219
Shares
अलीगढ़
कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते मदरसे, स्कूल, कॉलेज सहित सभी शिक्षण संस्थान बंद थे। मगर, कुछ मदरसे ऐसे भी रहे, जिनमें ताबड़तोड़ नियुक्तियां की गईं। प्रदेश के 33 जिलों के 308 मदरसों में हुईं नियुक्तियों की प्रक्रिया अब सवालों के घेरे में है। इसकी जांच के लिए शासन के निर्देश पर एसडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। जांच रिपोर्ट एक महीने में देनी होगी।
अलीगढ़ के चार मदरसों में 13 नियुक्तियां हुईं। कार्यभार भी तभी संभाल लिया गया था। यह मामला वर्ष 2020 का है। तब काफी समय तक स्कूल, कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थान बंद रहे थे। प्रदेश के 33 जिलों के मदरसों में हुई नियुक्तियों की शिकायत शासन स्तर पर की गईं। इसके बाद शासन से अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के विशेष सचिव को जांच अधिकारी बनाया।
इनकी रिपोर्ट के बाद निदेशालय स्तर पर निदेशक अंकित कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई। उनकी की ओर से संबंधित जिलों के डीएम को पत्र भेजकर जांच समिति बनाने के निर्देश दिए गए।
अलीगढ़ के डीएम संजीव रंजन ने एसडीएम इगलास सास्वत त्रिपुरारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की है। इसमें जिला सूचना अधिकारी संदीप कुमार सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी निधि गोस्वामी को शामिल किया है।
कोरोना काल में ही संभाल लिया था शिक्षकों ने कार्यभार
कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के दौरान 13 शिक्षक, सहायक शिक्षक आदि पदों पर नियुक्ति करने वाले चारों मदरसे अनुदानित हैं। शासन के निर्देश पर डीएम की ओर बनाई गई जांच समिति शैक्षिक योग्यता आदि दस्तावेज के अलावा नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट तैयार करेगी।
120 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं
जिले में 120 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। आठ हजार से अधिक विद्यार्थी अध्यनरत हैं। चार अनुदानित हैं, जिनमें 13 नियुक्तियां स्थाई की गईं। प्रत्येक का मासिक वेतन करीब साठ हजार रुपये है। अधिकतर की नियुक्ति तिथि 2020 में अगस्त से लेकर सितंबर के बीच में थी। नियुक्ति के कुछ दिनों बाद में ही इन्हेंने कार्यभार ग्रहण कर लिया। जिन अखबारों में विज्ञप्ति प्रकाशित कराई गई, वह भी सवालों के घेरे में है।