सोमिता की पहली राइड बन गई आखिरी

सोमिता एक महीने तक नोएडा की एकेडमी में बाइक चलाने की ट्रेनिंग लेने के बाद पहली बार ग्रुप के साथ गुरुग्राम के लेपर्ड ट्रेल आई थीं। सोमिता नोएडा की साफ्टवेयर कंपनी में काम करने के दौरान साथियों की देखादेखी में बाइक सीखने जाती थीं। हादसे वाले दिन वह पहली बार ग्रुप के साथ नोएडा से बाहर इतने लंबे सफर पर निकली थीं।

दो अस्पतालों ने घायल सोमिता को भर्ती करने से किया था मना

लेट्स राइड इंडिया एकेडमी के संचालक कुलदीप शर्मा ने बताया कि वह भी ग्रुप के साथ बाइक चलाना सिखाने के लिए आए थे। राइडिंग के दौरान हमेशा ही एक बैकअप कार चलती है। हादसे के बाद फौरन ग्रुप के साथ और वह खुद सोमिता को कार से बादशाहपुर क्षेत्र के ही दो निजी अस्पताल ले गए।

बच सकती थी सोमिता की जान

दोनों अस्पतालों में डॉक्टरों ने सोमिता को भर्ती करने से मना कर दिया और कहा कि वह सिविल अस्पताल जाएं। कुलदीप शर्मा ने कहा कि अगर उन्हें उसी वक्त डॉक्टरों ने उपचार दिया होता तो वह बच भी सकती थीं। जब वह अस्पताल से एंबुलेंस से सोमिता को सिविल अस्पताल ले जा रहे थे तो उनकी सांसें चल रही थीं।

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ मीडिया चैनलों ने इसे स्पोर्ट्स बाइक बताया, जबकि यह साधारण 310 सीसी की बाइक है। सोमिता की मौत के बाद ग्रुप के सभी लोग, वह खुद और सहयोगी टीम रात 11 बजे तक पुलिस थाने में रही।
रात 11 बजे पुलिस के निर्देश पर वह घर गए। यह भी कहा कि एकेडमी खोलने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस का प्रविधान नहीं है। न ही अब तक किसी विभाग ने इस पर कोई संज्ञान लिया है। अगर कोई लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया होगी तो उसे पालन किया जाएगा।