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दिल्ली
इजरायल के कृषि मंत्री अवि दिख्तर ने पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिसर का दौरा कर संरक्षित खेती को लेकर भारत में हो रहे कार्यों को जायजा लिया। उनके साथ केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी थे।
दोनों मंत्रियों ने यहां विज्ञानियों ने संरक्षित खेती में विकसित तकनीकों व किस्मों के बारे में जानकारी ली। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल ने एक ग्रीनहाउस का दौरा किया, जिसे वर्ष 1998 में भारत-इजरायल विशेषज्ञता के साथ स्थापित किया गया था।
प्रतिनिधिमंडल ने ग्रीनहाउस के अंदर सब्जी फसलों रंगीन शिमला मिर्च, टमाटर और चेरी टमाटर को देखा। टमाटर की ग्रीनहाउस किस्में पूसा काकटेल टमाटर, पूसा चेरी टमाटर हाइब्रिड 1, पूसा रक्षित, रंगीन शिमला मिर्च सीपीसीटी-31सी-11 पीला, सीपीसीटी-एवी-151 नारंगी, सीपीसीटी-33ए-2 लाल।
पूसा पार्थेनोकार्पिक खीरा, ग्रीष्मकालीन स्क्वैश पूसा अलंकार, पूसा पसंद और फूलों की किस्में गुलदाउदी जेम्बला, मैरीगोल्ड पूसा पर्व, पूसा बहार और पूसा दीप को माननीय मंत्रियों के समक्ष प्रदर्शित किया गया।
1996 में रखी गई थी आपसी सहयाेग की नींव
केंद्रीय कृषि सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के प्रभारी महानिदेशक देवेश चतुर्वेदी ने दोनों मंत्रियों और अन्य प्रतिनिधियों को, 31 दिसंबर 1996 को इजरायल के राष्ट्रपति एजर वीजमैन और तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री चतुरानन मिश्रा द्वारा पूसा में अनुसंधान एवं विकास और प्रदर्शन फार्म पर भारत-इजरायल परियोजना की आधारशिला रखे जाने के बारे में बताया।
विज्ञानियों ने दिल्ली में शुरू किए गए, कृषि में भारत-इजरायल उत्कृष्टता के पहले केंद्र और भारत के विभिन्न हिस्सों के किसानों और अधिकारियों को प्रदर्शन और प्रशिक्षण के साथ-साथ पूरे देश में संरक्षित खेती की तकनीकों को लोकप्रिय बनाने में इसके व्यापक योगदान के बारे में जानकारी दी। इस दौरान आईसीएआर- आईएआरआई एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, इजराइल दूतावास के अधिकारी भी मौजूद थे।