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नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत से दूर रह गए भाजपा प्रत्याशियों को संगठन और दिल्ली सरकार से संबंधित काम में लगाया जा सकता है। सोमवार को हुई प्रदेश भाजपा की बैठक में इन नेताओं के अनुभव के उपयोग को लेकर चर्चा हुई। शीघ्र ही इस संबंध में उचित निर्णय लिया जाएगा।
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 68 प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा था। इनमें से 48 विजयी हुए। दो सीट सहयोगी दलों को दी गई थी। पार्टी नेतृत्व चुनाव जीतने में असफल रहे 20 प्रत्याशियों के अनुभव का उपयोग करना चाहता है।
बैठक में ये सभी नेता रहे शामिल
यही कारण है कि सोमवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, संगठन महामंत्री पवन राणा, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इन नेताओं के साथ बैठक की। चुनाव में उनके हार के कारणों, क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की। उन्हें अपने क्षेत्र में सक्रिय रहकर जनता की समस्याओं को संगठन और सरकार तक पहुंचाकर हल कराने को कहा। विधायकों की तरह इन नेताओं द्वारा उठाए गए मामलों को भी प्राथमिकता पर लिया जाएगा।
क्षेत्र में सक्रिय रहने से पार्टी का बढ़ेगा जनाधार
भाजपा नेताओं ने बताया कि हारे हुए प्रत्याशियों के क्षेत्र में सक्रिय रहने से पार्टी का जनाधार बढ़ेगा। इसे ध्यान में रखकर इन्हें संगठन में दायित्व दिया जाएगा। इन्हें सरकार के साथ किस तरह से जोड़ा जा सकता है, इसे लेकर आने वाले दिनों में चर्चा होगी।