आठ मार्च को जब वह ड्यूटी पर आए थे तो बाइक कंपनी के अंदर पार्किंग में खड़ी कर दी। रात 11 बजे ड्यूटी के बाद जब पार्किंग में पहुंचे तो बाइक गायब मिली। उन्होंने चोरी के बाद पुलिस को सूचना दी। इसके बाद नौ मार्च को आएमटी मानेसर थाने में चोरी की रिपोर्ट लिखाने के लिए पहुंचे।
नौ मार्च से थाने के चक्कर काट रहा था पीड़ित
सबसे पहले वह आइओ सुरेंद्र से मिले। उन्होंने एक सप्ताह तक चक्कर कटवाए। वह नौकरी के बाद प्रतिदिन एक-एक घंटे थाने में रिपोर्ट लिखवाने के लिए बैठे रहते थे। दस दिन के बाद भी जब रिपोर्ट नहीं लिखी गई तो वह एसएचओ से मिले। उन्होंने भी रिपोर्ट दर्ज कराने का आश्वासन दिया, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी।
उन्होंने मुंशी से रिपोर्ट लिखने के लिए कहा, लेकिन मुंशी ने आइओ से बात कर फिर उन्हें टरका दिया। एसएचओ से मिलने के 10 दिनों बाद भी रिपोर्ट नहीं लिखे जाने पर वह थाने का चक्कर काट-काट कर थक गए।
पुलिस कमिश्नर को सुनाई आपबीती
राजीव कुमार ने बताया कि 31 मार्च को वह बाइक एजेंसी पर क्लेम के लिए गए। यहां उन्हें किसी बड़े पुलिस अधिकारी के पास जाने की सलाह दी गई। इसके बाद वह एक अप्रैल को पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे और विकास अरोड़ा को शिकायत दी।
राजीव कुमार ने बताया कि शिकायत सुनते ही पुलिस आयुक्त ने उनके सामने ही किसी अन्य पुलिस अधिकारी को फोन मिला दिया। स्पीकर पर बात करते हुए पुलिस आयुक्त ने थाना प्रभारी व अन्य पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस आयुक्त ने एक पुलिसकर्मी के साथ राजीव कुमार को आइएमटी मानेसर थाने भेजा। यहां उनकी चोरी की रिपोर्ट लिखी गई।