आजादी के बाद चली आ रही है जुलूस की परंपरा
सुरक्षा को लेकर लगातार समीक्षा
एएसपी ग्रामीण मनोज अवस्थी ने बताया कि सुरक्षा को लेकर लगातार समीक्षा की जा रही है। जुलूस को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए 827 लोगों को पुलिस ने जोड़ा है। यह लोग अलग-अलग क्षेत्रों में अराजकतत्वों पर नजर रखेंगे। पुलिस को अपने-अपने क्षेत्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी देंगे। इनके नाम भी गोपनीय रखें जाएंगे। बरेली में पांच हजार से अधिक सदस्य बनाए गए। पीलीभीत में साढ़े चार हजार जबकि बदायूं में 583 सदस्य जोड़े गए है।
गोपनीय रहती है पहचान
लाट साहब बनने वाले व्यक्ति को कमेटी की ओर से भी हजारों रुपये का नकद इनाम व उपहार दिये जाते हैं। उसकी पहचान गोपनीय रखी जाती है। लाट साहब को करीब चार दिन पहले से ही गोपनीय स्थान पर रखकर खातिरदारी शुरू हो जाती है।
स्वास्थ्य विभाग की दो टीम बनी
लाट साहब के जुलूस के लिए स्वास्थ्य विभाग की दो टीमें बना दी गई। नोडल अधिकारी डॉक्टर आसिफ को नियुक्त किया गया। चौक क्षेत्र से निकलने वाले बड़े लाट साहब के जुलूस में डॉक्टर शोएब के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीमें रहेगी। जबकि रामचंद्र मिशन क्षेत्र के सरायकाइयां से निकलने वाले छोटे लाट साहब के जुलूस में डॉक्टर अब्दुल हफीज के नेतृत्व में टीम रहेगी। इसके अतिरिक्त कंट्रोल रूम में छह सदस्यीय टीम की ड्यूटी रहेगी। एसीएमओ डॉक्टर पीपी श्रीवास्तव ने बताया कि जुलूस को लेकर विभाग की तैयारियां पूरी कर ली गई है। एंबुलेंस भी दोनों जुलूस में रहेगी। किसी तरह की लापरवाही न हो इसके लिए सभी को निर्देशित किया गया है।