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डब्ल्यूएफआई में पिछले कुछ वर्षों से विवाद चल रहा था और खेल मंत्रालय के इस फैसले के बाद विवाद खत्म होने के आसार नजर आ रहे हैं।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को बड़ी राहत मिली है और खेल मंत्रालय ने महासंघ पर लगाया निलंबन तत्काल प्रभाव से हटा लिया है। डब्ल्यूएफआई में पिछले कुछ वर्षों से विवाद चल रहा था और खेल मंत्रालय के इस फैसले के बाद विवाद खत्म होने के आसार नजर आ रहे हैं।
किस कारण लगा था निलंबन?
खेल मंत्रालय ने संजय सिंह की अगुआई वाली डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी समिति पर खेल संहिता के उल्लंघन के आरोप के चलते निलंबन लगाया हुआ था। कुश्ती की वैश्विक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भी पिछले साल संजय सिंह की अगुआई वाली डब्ल्यूएफआई से निलंबन हटा दिया था। इसके बाद भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भारत में कुश्ती का दैनिक कार्य देख रही भूपेंद्र सिंह बाजवा के नेतृत्व वाले तदर्थ समिति को भंग करने का निर्णय लिया था। डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष संजय सिंह को भले ही यूडब्ल्यूडब्ल्यू और आईओए से राहत मिल गई थी, लेकिन केंद्र सरकार से उन्हें राहत मिलने का इंतजार था जो अब जाकर पूरा हुआ। सरकार ने डब्ल्यूएफआई पर नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए कार्रवाई की थी और चुनाव संपन्न होने के तीन बाद ही डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया गया था।
खेल मंत्रालय ने संजय सिंह की अगुआई वाली डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी समिति पर खेल संहिता के उल्लंघन के आरोप के चलते निलंबन लगाया हुआ था। कुश्ती की वैश्विक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भी पिछले साल संजय सिंह की अगुआई वाली डब्ल्यूएफआई से निलंबन हटा दिया था। इसके बाद भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भारत में कुश्ती का दैनिक कार्य देख रही भूपेंद्र सिंह बाजवा के नेतृत्व वाले तदर्थ समिति को भंग करने का निर्णय लिया था। डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष संजय सिंह को भले ही यूडब्ल्यूडब्ल्यू और आईओए से राहत मिल गई थी, लेकिन केंद्र सरकार से उन्हें राहत मिलने का इंतजार था जो अब जाकर पूरा हुआ। सरकार ने डब्ल्यूएफआई पर नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए कार्रवाई की थी और चुनाव संपन्न होने के तीन बाद ही डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया गया था।