अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी भरी नीति एक बार फिर उल्टी साबित हुई है। स्पेन ने 50 अमेरिकी F-35 फाइटर जेट खरीदने की योजना को खारिज कर दिया है और इसके बजाय €10.5 अरब यूरो (करीब 94 हजार करोड़ रुपये) की लागत से यूरोप में बनी Eurofighter Typhoon और FCAS (Future Combat Air System) पर भरोसा जताया है।
स्पेन का बड़ा फैसला, अमेरिका को झटका
ट्रंप द्वारा नाटो देशों पर लगातार दबाव और धमकियों के बावजूद, स्पेन ने दिखा दिया कि वह किसी दबाव में नहीं आने वाला। यूरोपीय रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
क्या है Eurofighter और FCAS प्रोजेक्ट?
Eurofighter Typhoon: जर्मनी, ब्रिटेन, इटली और स्पेन की संयुक्त रूप से विकसित चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट।
FCAS (Future Combat Air System): फ्रांस, जर्मनी और स्पेन का मिलाजुला प्रयास जो 2040 तक अगली पीढ़ी का फाइटर जेट तैयार करेगा।
ट्रंप की रणनीति ने दिया उल्टा असर
ट्रंप चाहते थे कि नाटो सदस्य देश अमेरिकी रक्षा उत्पादों पर निर्भर रहें। लेकिन उनकी “Buy American or else” पॉलिसी अब यूरोप को और ज्यादा एकजुट कर रही है। स्पेन का यह निर्णय केवल एक रक्षा डील नहीं, बल्कि यूरोपीय रणनीतिक संप्रभुता का ऐलान भी है।
F-35 क्यों हार गया?
F-35 कार्यक्रम की सबसे बड़ी समस्याएं:
अत्यधिक लागत
सॉफ्टवेयर में देरी और खामियां
बार-बार तकनीकी दुर्घटनाएं
उदाहरण: एक ब्रिटिश F-35B भारत में हाइड्रॉलिक फेल्योर के कारण 37 दिन तक जमीन पर पड़ा रहा, जिसे स्थानीय मीडिया ने “मानसून में फंसा स्टील्थ जेट” कहा।
एक अमेरिकी F-35C कैलिफोर्निया में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
इसके अलावा, F-35 पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है – सॉफ्टवेयर अपडेट, डेटा लोड, मेंटेनेंस, और स्पेयर पार्ट्स तक सब कुछ अमेरिकी नियंत्रण में है। इससे विदेशी ऑपरेटर्स को ऑपरेशनल स्वतंत्रता नहीं मिलती।
यूरोपीय रक्षा स्वायत्तता को बढ़ावा-
स्पेन:
25 नए यूरोफाइटर जेट खरीदेगा (2026-2030 तक डिलीवरी)
कुल 115 यूरोफाइटर का लक्ष्य
FCAS के तहत छठी पीढ़ी का फाइटर जेट 2040 तक विकसित करने की योजना
स्पेन का फैसला यूरोपीय उद्योग और स्वायत्तता को प्राथमिकता देता है।
F-35 को लेकर अन्य देशों में भी पुनर्विचार
कनाडा:
16 F-35 खरीदे गए हैं, लेकिन बाकी डील की समीक्षा हो रही है।
लागत, ट्रंप के टैरिफ, और सार्वजनिक दबाव मुख्य वजहें।
स्विट्ज़रलैंड:
36 F-35 ऑर्डर किए, लेकिन अब राजनीतिक विरोध बढ़ रहा है।
अमेरिकी प्रभाव और न्यूट्रल नीति पर बहस।
भारत:
अमेरिका ने 2025 की शुरुआत में F-35 की पेशकश की थी, जिसे भारत ने ठुकरा दिया।
इसके बजाय रूसी Su-57 और देशी फाइटर विकास पर ध्यान।
मुख्य संदेश
F-35 सिर्फ एक फाइटर जेट नहीं है – यह एक कंप्यूटर है जिसे अमेरिका ऑपरेट करता है।
और जब कोई देश अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी और की अनुमति का इंतजार करता है, तो वह रणनीतिक रूप से कमजोर हो जाता है।
स्पेन का फैसला – और अन्य देशों की सोच – दिखाता है कि अब अमेरिका पर आँख मूंदकर भरोसा करने का दौर खत्म हो रहा है। यूरोप अब अपनी शर्तों पर अपनी रक्षा करना चाहता है।