अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने का आदेश दिया है। यह शुल्क 27 अगस्त 2025 से लागू होगा, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच जाएगा। ट्रंप प्रशासन का यह फैसला भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने के जवाब में आया है।
गोल्डमैन सैक्स की चेतावनी
गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि इस फैसले से भारत की GDP ग्रोथ रेट में सालाना 0.3 प्वाइंट की गिरावट हो सकती है। पहले से ही अप्रैल में लागू टैरिफ से इतनी ही गिरावट का अनुमान है यानी कुल मिलाकर GDP ग्रोथ में 0.6% की चोट संभव है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कुछ रियायतों के बाद भारत के निर्यात पर औसत टैरिफ दर 32% के आसपास स्थिर हो सकती है। हालांकि अभी भी बातचीत की गुंजाइश है क्योंकि लागू होने में तीन हफ्ते बचे हैं।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
PM नरेंद्र मोदी ने कहा, “हम किसानों, मछुआरों और डेयरी सेक्टर के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे… चाहे इसके लिए मुझे व्यक्तिगत कीमत क्यों न चुकानी पड़े।” विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के टैरिफ को “अनुचित और अन्यायपूर्ण” बताया और कहा कि भारत की ऊर्जा आपूर्ति उसकी जरूरतों और सुरक्षा पर आधारित है।
भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंध
- भारत की GDP का लगभग 4% अमेरिका की फाइनल डिमांड पर आधारित है।
- FY 2024-25 में भारत ने अमेरिका को $86.5 अरब डॉलर का निर्यात किया और अमेरिका से $45.7 अरब डॉलर का आयात किया।
- प्रमुख भारतीय निर्यात: इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन, दवाएं, वस्त्र
- प्रमुख अमेरिकी निर्यात: कच्चा तेल, रत्न-आभूषण, मशीनरी
तेल आपूर्ति में रूस आगे
रूस से FY 2024-25 में भारत ने अपनी कुल तेल जरूरत का लगभग एक-तिहाई हिस्सा आयात किया, जबकि अमेरिका की हिस्सेदारी सिर्फ 4-8% के बीच रही।