अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन और अमेरिकी संबंधों की सकारात्मक सफर के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तारीफ की और उन्हें अपना “करीबी दोस्त” बताया। वहीं, उन्होंने भारत को कर (टैक्स) को लेकर कड़ी चेतावनी भी दी।
चीन पर भरोसा, शी को दोस्त बताया
- ट्रंप ने चीन के साथ हाल में यथासंभव “excellent” व्यापारिक और राजनीतिक संबंध होने की बात कही। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि चीन अमेरिका पर आर्थिक रूप से बहुत हद तक निर्भर है।
- शी जिनपिंग द्वारा उन्हें चीन आने के निमंत्रण की पुष्टि हुई है, और संभवतः जल्द ही दोनों नेताओं की आमने-सामने बातचीत हो सकती है, शायद APEC शिखर सम्मेलन (30 अक्टूबर–1 नवम्बर, दक्षिण कोरिया) के दौरान।
भारत को टैरिफ की धमकी
- ट्रंप ने भारत पर पहले से लागू 25% सीमा शुल्क को पर्याप्त नहीं करार देते हुए कहा है कि अगले 24 घंटों में इसे और बढ़ाया जा सकता है ।
- यह कदम विशेष रूप से भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने और उसे फिर दूसरे देशों में बेचने की नीति को लेकर उठाया गया है. ट्रंप ने इसे ज़रूरत से ज़्यादा लाभ कमाने की कोशिश बताया और उसे “not a good trading partner” कहा ।
नीति और रणनीति: चीन और भारत के प्रति भिन्न दृष्टिकोण
जबकि भारत पर ट्रंप ने आलोकित ट्रेड नीति को लेकर कड़ी चेतावनी दी, चीन को वह “दुश्मन” नहीं बल्कि “कठिन लेकिन सहयोगी” साझेदार मान रहे हैं। वित्तीय एवं ऊर्जा क्षेत्र में चीन अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है, जबकि भारत के प्रति रूढ़ प्रतिस्पर्धी दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है ।
राजनीतिक और भू‑रणनीतिक संदर्भ
भारत और अमेरिका के बीच फरवरी 2025 में हुए परमाणु, रक्षा, व्यापार और ऊर्जा पर वार्ता संवादों में “Mission 500” जैसे साझेदारी लक्ष्यों की चर्चा हुई, लेकिन हाल की घटनाओं ने इस साझेदारी को अस्तित्व की कसौटी पर ला दिया है। साथ ही, अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को भी मजबूत किया है जिससे भारत के साथ रिश्तों में तनाव बने रहने की आशंका है ।