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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महिला ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को तगड़ा झटका दिया है। यूएस इमीग्रेशन ने अपनी विजा पॉलिसी में बदलाव कर, सभी महिला ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को विजा न देने का फैसला लिया है। इस फैसला का कारण महिला खिलाड़ियों के साथ खेलों में भाग लेने वाले ऐसे खिलाड़ियों पर रोक लगाना है, जो अपनी जन्मजात पहचान को छिपाकर महिलाओं की टीमों का हिस्सा बनते हैं। इस नीति के कारण यूएस-सीटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (USCIS) अब ट्रांसजेंडर महिलाओं को O‑1A, EB‑1, EB‑2, NIW जैसी श्रेणियों में वीज़ा न देने के लिए अधिकार प्राप्त है।
नए वीज़ा निर्देश: क्या बदला?
- USCIS अब ऐसे आवेदन करने वालों को वीज़ा देने से इनकार कर सकता है जो पुरुष से ट्रांसजेंडर महिला के रूप में खेलों में भाग लेने की कोशिश करते हैं।
- इसका आधार है पिछले पुरुष होने के दौरान महिलाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करना, जिसे “negative factor” माना जाता है।
- इस नीति में उम्मीदवारों के फ़ाइल में “SWS25” मार्किंग भी शामिल की जाती है ताकि उनका रिकॉर्ड ट्रैक किया जाए।
ट्रंप का तर्क और लागू कानून
- ट्रंप ने कहा कि यह निर्णय टाइटल IX के तहत महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा देने की कोशिश है, ताकि वो जैविक पुरुषों की प्रतिस्पर्धात्मक लाभ से सुरक्षित रह सकें।
- साथ ही, उन्हें इस फैसले में यह बताया गया कि पुरुष ट्रांसजेंडर महिला के रूप में खेलों में भाग महसूस कराने वाले महिला खिलाड़ियों का सम्मान गिराते हैं।
खेल संगठनों और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
- US Olympic & Paralympic Committee (USOPC) ने इस नीति का समर्थन करते हुए अपनी Athlete Safety Policy को Executive Order 14201 के अनुरूप संशोधित किया है। इससे ट्रांसजेंडर महिला खिलाड़ियों को महिला वर्ग में बंद किया गया है।
- NCAA ने तुरंत अपनी नीतियों में बदलाव किया—अब कॉलेज स्तर पर अनुभूति वाले ट्रांसजेंडर खिलाड़ी महिला टीमों में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते।
वैश्विक खेलों पर प्रभाव — ओलंपिक 2028 तक पहुंच
- ट्रंप ने IOC (इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी) को अमेरिका में होने वाले 2028 LA ओलंपिक से पहले अधिक कठोर नियम लागू करने के लिए कहा है।
- इसके अलावा, USOPC ने स्पष्ट किया है कि अब सिर्फ biologically female खिलाड़ी ही महिला वर्ग में प्रवेश कर सकेंगी।