बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अंतरिम सरकार ने अगले आम चुनाव की तिथि को लेकर बड़ा ऐलान किया है। देश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी संसदीय चुनाव फरवरी 2026 में कराए जाएंगे, जो लंबे समय तक शासन करने वाली पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद का पहला आम चुनाव होगा।
यूनुस ने यह घोषणा उस समय की जब बांग्लादेश “जुलाई विद्रोह” की पहली वर्षगांठ मना रहा है — वह ऐतिहासिक छात्र आंदोलन जिसने देश की राजनीति की दिशा ही बदल दी। इस आंदोलन की परिणति 2024 में शेख हसीना सरकार के पतन के रूप में हुई थी, जिसने बांग्लादेश की सत्ता में 15 वर्षों से अधिक समय तक अपनी पकड़ बनाए रखी थी।
यूनुस का राष्ट्र को संबोधन: “जनता को निर्णय लेने का अधिकार लौटेगा”
मोहम्मद यूनुस ने अपने टेलीविज़न संदेश में कहा: “अंतरिम सरकार लोकतंत्र की बहाली के लिए प्रतिबद्ध है। मैं मुख्य चुनाव आयुक्त को एक औपचारिक पत्र भेज रहा हूं, जिसमें फरवरी 2026 में चुनाव कराने का अनुरोध किया जाएगा, ताकि चुनाव रमजान से पहले शांतिपूर्वक संपन्न हो सकें।”
ध्यान देने योग्य है कि रमजान का महीना 17 या 18 फरवरी 2026 से शुरू होने की संभावना है। ऐसे में, चुनाव की तारीख फरवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में तय की जा सकती है। पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार आम चुनाव अप्रैल 2026 में प्रस्तावित थे, लेकिन राजनीतिक स्थिरता और प्रशासनिक सुगमता के मद्देनज़र चुनाव कार्यक्रम को दो महीने पहले खिसकाया गया है।
जुलाई विद्रोह: एक छात्र आंदोलन जिसने सत्ता पलट दी
2024 का “जुलाई विद्रोह” इतिहास में एक निर्णायक मोड़ के रूप में दर्ज हो चुका है। यह आंदोलन देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों द्वारा शुरू किया गया था, जो चुनाव में धांधली, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन के खिलाफ था। इस व्यापक विरोध के दबाव में शेख हसीना सरकार को अगस्त 2024 में इस्तीफा देना पड़ा, और अंतरिम प्रशासन ने सत्ता संभाली।
मोहम्मद यूनुस, नोबेल पुरस्कार विजेता और माइक्रोफाइनेंस संस्थान ग्रेमीन बैंक के संस्थापक, को सर्वदलीय सहमति से अंतरिम मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया। उन्हें देश में लोकतंत्र की पुनर्बहाली और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई।