बीसलपुर बांध में टूटेगा 21 साल पुराना रिकॉर्ड! जयपुर, अजमेर और टोंक के लाखों लोगों को मिलेगी बड़ी राहत
राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण जलस्रोतों में शामिल बीसलपुर बांध एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह है बेहद सुखद — बांध का जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि अगले कुछ दिनों में यह पिछले 21 सालों का रिकॉर्ड तोड़ सकता है।
जयपुर, अजमेर और टोंक — तीनों शहरों के लाखों लोगों की जलापूर्ति इसी बांध पर निर्भर करती है। ऐसे में इस साल मानसून की मेहरबानी ने ना सिर्फ प्रशासन की चिंता कम कर दी है, बल्कि आमजन के चेहरों पर भी राहत की मुस्कान ला दी है।
जलस्तर बढ़ा, उम्मीदें भी बढ़ीं
बीसलपुर बांध का जलस्तर बीते कुछ वर्षों से मानसून पर ही निर्भर रहा है। इस बार अच्छी बारिश के कारण बांध में पानी की आवक तेज गति से हो रही है। बीते कुछ दिनों में जलस्तर में कई फीट की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
विशेषज्ञों और जल संसाधन विभाग के अनुसार, अगर इसी तरह पानी की आवक बनी रही, तो इस साल बांध का जलस्तर 2003 में दर्ज किए गए उच्चतम स्तर को भी पार कर सकता है।
जल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि जलस्तर तय सीमा तक पहुंचता है, तो तीनों शहरों में अगले एक साल तक पानी की कोई किल्लत नहीं होगी।
जयपुर, अजमेर और टोंक को मिलेगा फायदा
बीसलपुर बांध की सबसे खास बात यह है कि यह तीन बड़े शहरों — जयपुर, अजमेर और टोंक की पेयजल जरूरतों को पूरा करता है।
जयपुर, जहां हर दिन लाखों लीटर पानी की मांग होती है, उसकी निर्भरता इस बांध पर सबसे अधिक है।
अजमेर और टोंक, जहां गर्मियों में टैंकरों से जल आपूर्ति करनी पड़ती है, वहां भी राहत की उम्मीद बन चुकी है।
इस जल उपलब्धता से ना सिर्फ घरेलू उपयोग, बल्कि औद्योगिक और कृषि कार्यों में भी स्थिरता आएगी।
बांध में जलस्तर कितना?
जल विभाग के अनुसार:
बीसलपुर बांध की कुल भराव क्षमता: 315.5 आरएल मीटर
वर्तमान जलस्तर: 304 आरएल मीटर से अधिक
बीते सप्ताह में जलस्तर में 3 से 4 मीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
पानी की आवक यदि ऐसे ही बनी रही, तो आगामी 10 से 15 दिनों में बांध लबालब हो सकता है।
प्रशासन अलर्ट, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग सतर्क हो गए हैं। जल निकासी की व्यवस्थाओं की जांच की जा रही है, ताकि जरूरत पड़ने पर गेट खोलने की प्रक्रिया को सुरक्षित ढंग से अंजाम दिया जा सके।
ग्रामीण इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और बांध के आसपास के गांवों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
निष्कर्ष:
राजस्थान जैसे सूखा प्रभावित राज्य के लिए बीसलपुर बांध का भरना किसी उत्सव से कम नहीं है। यह सिर्फ पानी की उपलब्धता का संकेत नहीं, बल्कि आने वाले महीनों की स्थिरता, स्वास्थ्य और समृद्धि का वादा है।
21 साल पुराना रिकॉर्ड टूटने की ओर है और लाखों लोगों के जीवन में राहत दस्तक देने को तैयार है।