दक्षिण गोवा से तीन व्यक्तियों के पास से व्हेल का एम्बरग्रीस (व्हेल की उल्टी) बरामद किया गया है। इसकी कीमत करीब 10 करोड़ रुपये है। एक अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है।
अधिकारी ने बताया, गुरुवार को संगुएम गांव में एक कार को रोका गया, जिसमें से 5.75 किलोग्राम मोम जैसा पदार्थ जब्त किया गया। इस पदार्थ का उपयोग इत्र उद्योग में होता है।
एम्बरग्रीस का व्यापार भारत में है प्रतिबंधित
दरअसल, यह मोम जैसे पदार्थ व्हेल का एम्बरग्रीस होता है, जो उसकी आंतों में उत्पन्न होता है। इस पदार्थ को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची II के तहत संरक्षित किया गया है।
इस एम्बरग्रीस का भारत में व्यापार या फिर इसे रखना प्रतिबंधित है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया व्हेल की उल्टी की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 10 करोड़ रुपये हो सकती है।पुलिस ने आरोपियों की पहचान का खुलासा करते हुए बताया की दो की पहचान गोवा निवासी साईनाथ शेट और रत्नकांत करापुरकर के रूप में हुई है, जबकि तीसरे की पहचान महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग निवासी योगेश रेडकर के रूप में हुई है।
कहां से आता है एम्बरग्रीस?
वैज्ञानिकों का मानना है कि एम्बरग्रीस व्हेल के आंतों में बनता है। यह पदार्थ तब बनता है जब व्हेल अपचनीय पदार्थों का सेवन कर ले और उन पदार्थों को बाहर निकालने के लिए व्हेल ये बनाती है।
बाहर निकलने के बाद एम्बरग्रीस समुद्र में तैरता है। लोग इसे खोजकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने की कोशिश करते हैं, क्योंकि इसकी काफी ज्यादा कीमत होती है। हालांकि, इसे खोज पाना इतना आसान नहीं है, इसलिए इसकी कीमत ज्यादा है।
क्या है फ्लोटिंग गोल्ड?
मोम की तरह दिखने वाले व्हेल के एम्बरग्रीस की गुणवत्ता की वजह से डिमांड काफी ज्यादा है और इसकी कीमत प्रति किलोग्राम 40 हजार डॉलर तक हो सकती है। इसे फ्लोटिंग गोल्ड के नाम से भी जाना जाता है।