जरायम की दुनिया में प्रवेश और गैंग की कमान
लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ाव और जघन्य वारदातें
जग्गू पहलवान गैंग की कमान संभालने के बाद नवीन का रुतबा बढ़ता गया। पांच नवंबर 2014 में दिल्ली में मेटल व्यापारी संजय गुप्ता के आफिस में 26 लाख रुपये की डकैती ने उसे सुर्खियों में ला दिया। दस जनवरी 2015 में हरियाणा के गुरुग्राम के भोंडसी गांव में वर्चस्व की लड़ाई में उसने दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया। इसके बाद वह लारेंस गैंग के कुख्यात हाशिम बाबा के संपर्क में आया और उसका करीबी बन गया।
बताया कि सात दिसंबर 2024 को दिल्ली के फर्श बाजार में बर्तन व्यापारी सुनील जैन की हत्या ने एक बार फिर नवीन की क्रूरता को उजागर किया। इस हत्याकांड के बाद उसके खिलाफ मकोका की कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा, 2018 में दिल्ली के जगतपुरी में 7.70 लाख रुपये की लूट और 2022 में गीता कॉलोनी में 50 लाख रुपये की सोने की लूट में भी उसकी संलिप्तता थी।
चार साल की फरारी और पुलिस की पकड़ से बाहर
वर्ष 2021 में पत्नी की डिलीवरी के लिए मिली पैरोल का दुरुपयोग करते हुए नवीन छह दिसंबर को सरेंडर करने के बजाय फरार हो गया। इसके बाद वह लगातार पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। 2022 की सोने की लूट में उसके साथी पकड़े गए, लेकिन नवीन बच निकला। चार साल तक फरारी काटते हुए उसने कई अपराधों को अंजाम दिया, जिससे वह पुलिस के लिए चुनौती बना रहा।
मुठभेड़ में ताबड़तोड़ चलाई गोली
मुठभेड़ के दौरान नवीन ने आधुनिक पिस्टल से पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। लगभग दो घंटे तक चली इस मुठभेड़ में कुल 12 राउंड फायरिंग हुई। जिसमें पुलिस ने आठ और नवीन ने चार गोलियां चलाईं। इस दौरान पुलिस टीम के निरीक्षक पंकज कुमार और उपनिरीक्षक अक्षय त्यागी की बुलेटप्रूफ जैकेट पर गोलियां लगीं, जिससे उनकी जान बच गई। हालांकि, उपनिरीक्षक विजेंद्र दिवाच और सिपाही अंकुर सिंह गोली लगने से घायल हो गए। दोनों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है। जवाबी कार्रवाई में नवीन को तीन गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई।
पिता बोले… पांच वर्षों से नहीं था संपर्क
पोस्टमार्टम के बाद नवीन का शव को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच उसके पैतृक गांव ले जाया गया। जहां स्वजन व पुलिस की मौजूदगी में शव अंतिम संस्कार किया गया। नवीन के पिता सेवा राम ने बताया कि नवीन के अलावा उनके दो अन्य भाई हैं। मथुरा की कुसुम से नवीन की शादी हुई थी। उसकी दस वर्षीय पुत्री माही है। वहीं एकमात्र पुत्र की अस्पताल में उपचार के दौरान आग लगने से मौत हो गई थी। पिछले पांच वर्षों से स्वजन के संपर्क में नहीं था। उसकी पत्नी गौतमबुद्धनगर के दादरी में रहती है। उसकी मौत के बाद पूरे परिवार में गम का माहौल व्याप्त है।