आनंद ने की आर्थिक सहयोग की बात

आनंद ने जिस तरह से आर्थिक सहयोग की बात की है उससे भारत में काफी उत्साहजनक माना जा रहा है। दरअसल, वर्ष 2023 में आपसी रिश्तों में गिरावट आने से पहले दोनों देशों के बीच एफटीए को लेकर बातचीच हो रही थी।

पूर्व पीएम ट्रुडो ने कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत की सरकारी एजेंसियों पर लगाया था। इसका भारत में काफी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। बाद में कनाडा ने भारत के शीर्ष नेतृत्व पर इस हत्याकांड की मंजूरी  देने की बात मीडिया को लीक की थी।
हालांकि, आज तक कनाडा की तरफ से एक भी सबूत पेश नहीं किया जा सका है। इसका असर यह हुआ कि दोनों देशों ने एक दूसरे के यहां से उच्चायुक्तों को निकाल दिया। उच्चायोग की संख्या घटा दी। ट्रुडो के कार्यकाल में खालिस्तान समर्थक समूहकों को कनाडा में काफी छूट  मिली हुई थी। भारत की तरफ से बार बार विरोध जताने के बावजदू इस पर लगाम नहींं लगाया गया।

ट्रूडो ने भारत के साथ खराब किए थे रिश्ते

भारतीय राजनयिकों की खुलेआम हत्या करने की धमकी भी वहां दी गई। भारत का कहना है कि ट्रुडो ने अपने राजनीतिक हितों के लिए भारत के साथ संबंधों को खराब किया।

ऐसे में एफटीए को लेकर होने वाली वार्ता स्थगित हो गई। इस बीच अमेरिका में सत्ता में बदलाव हुआ और राष्ट्रपति ट्रप ने कनाडा के साथ आर्थिक संबंधों को लेकर कई तरह बंदिशें लगानी शुरू कर दी है। कनाडा को अपना 51 वां राज्य बनाने को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप का बयान भी कनाडा को बहुत नागवार गुजरा है। ऐसे में कनाडा सरकार भारत के साथ आर्थिक संबंधों को वरीयता देने की सोच रही है।