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नई दिल्ली
दिल्ली में खराब बसों से होने वाली परेशानियों को खत्म करने के लिए दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू की है। अब खराब बसों को 15 मिनट में हटाया जा सकेगा। इसके लिए 30 प्रमुख स्थानों पर क्रेन और क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) तैनात की जाएंगी।
दिल्ली सरकार के मुताबिक, हर दिन 100-123 बसें खराब हो जाती हैं, खास तौर पर आईएसबीटी कश्मीरी गेट, मिंटो ब्रिज, सराय काले खां, आईटीओ, एम्स फ्लाईओवर और धौला कुआं जैसे इलाकों में। समस्या की मुख्य वजह यह है कि 2010 में खरीदी गई बसें लगभग पुरानी हो चुकी हैं।
नए एसओपी के तहत, खराब होने की सूचना पर क्यूआरटी पांच मिनट में प्रतिक्रिया देगी और बस को 15 मिनट में नजदीकी डिपो तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए 24×7 कंट्रोल रूम बनाया गया है, जो जलभराव पर भी नजर रखेगा।
सहायता के लिए 100 फील्ड ऑपरेशन टीमें और 70 बाइक मोबाइल टीमें तैनात की गई हैं, जो ब्रेक फेल होने जैसी समस्याओं को मौके पर ही ठीक करेंगी। डीटीसी का यह कदम दिल्ली की सड़कों पर यातायात व्यवस्था को सुधारने में मददगार साबित होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईएसबीटी कश्मीरी गेट, मिंटो ब्रिज, सराय काले खां, आईटीओ, एम्स फ्लाईओवर और धौला कुआं जैसे इलाकों में रोजाना कम से कम 100-123 बसें खराब हो जाती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए नई एसओपी जारी की गई है। नई एसओपी जारी
एसओपी के अनुसार गठित क्यूआरटी को ब्रेकडाउन अलर्ट मिलने के पांच मिनट के भीतर जवाब देना होगा। डीटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में परिवहन ढांचे और सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है।
निगम का मुख्य फोकस उन बसों को हटाने पर है जिनकी सेवा अवधि लगभग समाप्त हो चुकी है और वे इस्तेमाल के अंतिम चरण में हैं। इसके अलावा दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों की सेवा बढ़ाई जाएगी। दिल्ली सरकार बस डिपो को व्यावसायिक केंद्र बनाने की योजना बना रही है। इससे दिल्ली को 2600 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा।