अधिवक्ता मौली ने कोर्ट से कहा कि मेट्रो जैसी जनहित से जुड़ी परियोजना में अगर शुरुआत से ही पारदर्शिता नहीं बरती जाएगी, तो पूरी परियोजना की गुणवत्ता संदेह के घेरे में आ जाएगी।
कोर्ट ने मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से पेश वरीय अधिवक्ता सत्यदर्शी संजय को याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों पर विधिसम्मत और तथ्यपूर्ण जवाब 26 जून से पहले दाखिल करने का आदेश दिया है।