आईएसआई का नया माडल यह है कि भारत से सीधे प्रवेश की बजाय नेपाल के जरिये युवकों को भारत भेजा जाए और वहीं से उन्हें लक्ष्य दिए जाएं। बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और लखीमपुर खीरी जैसे सीमावर्ती जिले इन गतिविधियों की सीधी जद में हैं।
नेपाल सीमा से 37 संदिग्धों के भारत में घुसने का जो इनपुट मिला, उसने इस खतरे को और पुष्ट किया है। इसके बाद एटीएस, आईबी और एसएसबी की संयुक्त टीमें अब सीमावर्ती जिलों में सक्रिय हो चुकी हैं। होटल, ढाबे, धर्मशालाएं और अस्थायी निवास स्थलों की जांच चल रही है।
नेपाल सीमा व गोरखपुर से पकड़े गए आतंकी :
  • 1991 मे खालिस्तान एरिया फोर्स का डिप्टी कमांडर सुखबीर सिंह
  • 1991 में ही नेपाल की बढ़नी सीमा पर खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के भागा सिंह और अजमेर सिंह की गिरफ्तारी हुई थी
  • 1993 में आतंकी टाइगर मेमन।
  • 1995 में आईएसआई एजेंट यासिया बेगम।
  • 2000 में आसिम अली और चार आतंकी।
  • 2007 में लश्कर के आतंकी सादात रशीद मसूद आलम की गिरफ्तारी।
  • 2009 में मुंबई के आतंकी नूरबक्श और इश्तियाक उर्फ शैतान पकड़े गए।
  • 2013 में आतंकी लियाकत अली शाह की गिरफ्तारी।
  • 2013 में आतंकी आंतकी यासीन भटकल पकड़ा गया।
  • 2015 में जाली नोट के धंधे से जुड़े डा. समीर, महबूब अली उर्फ शेरू व इनसे जुड़े कई एजेंट पकड़े गए।
  • 2020 में एटीएस ने आईएसआई के जासूज को कोतवाली क्षेत्र से पकड़ा।
  • 2022 में गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाला मुर्तजा अब्बासी पकड़ा गया।
  • 2023 में एनआईए ने गोरखपुर से आतंकी दीपक रंगा को गिरफ्तार किया।
  • 2023 में एटीएस ने आईएसकेपी से जुटे तारिक अतहर व उसके साथी पकड़ा।
  • 2023 में गुजरात एटीएस ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन से दो बांग्लादेशी आंतकियों काे पकड़ा।